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दैनिक भास्कर हिंदी: Coronavirus Tips: महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को क्यों है ज्यादा खतरा? जानें कैसे करें बचाव

हाईलाइट
- दुनियाभर के मौत के आंकड़ों में पुरुषों की संख्या अधिक
- भारत में भी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की मौत अधिक
- इस वायरस से कुल संक्रमितों की संख्या में भी पुरुष अधिक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप दिखाई दे रहा है। अब तक इस महामारी से 1 लाख 84 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन हैरानी वाली बात यह कि इस वायरस से मरने वालों की कुल संख्या में पुरुषों की गिनती अधिक है। यह आंकड़े ना सिर्फ चीन, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में हुई कोरोना से हुई कुल मौतों के हैं। बल्कि भारत में कोविड- 19 (Covid- 19) से हुई कुल मौतों में भी यह बात साफ हो चुकी है। यही नहीं दुनियाभर में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के कोरोना संक्रमित मामले ज्यादा सामने आए हैं।
हालांकि यह कोई पहली बीमारी या वायरस नहीं है, जिसका प्रभाव महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक दिखाई दिया हो। दुनिया में ऐसी कई अन्य बीमारियां भी हैं जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों को जल्दी शिकार बनाती हैं। इनमें हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी शामिल हैं। फिलहाल जानते हैं उन कारणों के बारे में जो कोरोना से होने वाले खतरे को महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा बढ़ाते हैं...
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धूम्रपान
पुरुषों में धूम्रपान की दर भारत ही नहीं दुनियाभर में महिलाओं से अधिक है। एक स्टडी के अनुसार, महिलाओं की अपेक्षा पुरुष धूम्रपान अधिक करते हैं। वहीं चिकित्सकों की मानें तो कोविड-19 मनुष्य के श्वसन तंत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है और धूम्रपान से भी इसे ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। ऐसे में पुरुषों पर कोरोनावायरस के अधिक खतरे का यह एक मुख्य कारण हो सकता है। हालांकि इसको लेकर अभी कोई विश्वसनीयता सामने नहीं आई है।
ACE-2 प्रोटीन की अधिक मात्रा
एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में ACE-2 (एंजियोटिन्सिन कन्वर्टिंग एंजाइम-2) प्रोटीन अधिक पाया जाता है। यह प्रोटीन किडनी, फेफड़े, हृदय आदि अंगों को बनाने वाले उत्तकों के ग्लाइकोप्रोटीन से जुड़े होते हैं। ACE-2 रिसेप्टर्स एक तरह का एंजाइम है, जो मानव शरीर के हृदय, फेफड़े, धमनियों, गुर्दे और आंत में कोशिका की सतह से जुड़ा होता है। यह रिसेप्टर गंभीर सांस संबंधी सिंड्रोम का कारण बनने वाले कोरोना वायरस के लिए कार्यात्मक और प्रभावी होता है। यही कोरोना वायरस की घुसपैठ का सबसे बड़ा कारण बनता है।
पहले से बीमार
आपको बता दें कि एक स्टडी के अनुसार पुरुष महिलाओं की अपेक्षा हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी से ग्रसित होते हैं। ऐसे में पुरुषों को पहले से कई बीमारियां होने के चलते भी कोरोना उन पर ज्यादा तेजी से अटैक करता है।
महिलाओं की अधिक उम्र
वहीं डब्लूएचओ का कहना है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले 6 से 8 साल ज्यादा जीती हैं। एक हालिया शोध की मानें तो महिलाओं में कोरोना 4 दिन में खत्म हो जाता है जबकि पुरुषों में यह 6 से 8 दिन का समय लेता है। इनमें स्मोकिंग और कई बीमारियों की वजह से वीक इम्युनिटी सिस्टम प्रमुख कारण है।
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बचाव के उपाय
दुनियाभर में कोरोनावायरस से बचाव के लिए कोई दवा या वैक्सीन अब तक नहीं है। ऐसे में इस वायरस से खुद को बचाने और इसे फैलने से रोकने के लिए डब्लूएचओ और सरकार द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करना जरूरी है। इनमें कई टिप्स शामिल हैं...
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
- आप अपने हाथों को साफ रखने के लिए अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग भी कर सकते हैं।
- खांसते और छींकते समय डिस्पोजेबल टिशू से या कोहनी को मोड़कर, अपनी नाक और मुंह को ढकें।
- यदि आपके हाथ साफ नहीं हैं, तो अपनी आंख, नाक या मुंह को ना छुएं, ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
- ध्यान रखें, किसी भी बीमार व्यक्ति से एक मीटर या तीन फीट की दूरी बनाकर रखें।
- घर से बाहर निकलते समय सोशल डिस्टेंशन का ख्याल रखें, यह कोरोना से बचाव का एक बड़ा उपाय है।
- यदि आप बीमार हैं या किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो खुद को परिवार के सभी लोगों से अलग कर लें।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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