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दिल्ली: 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड रोगियों के लिए आरक्षित

हाईलाइट
- दिल्ली: 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड रोगियों के लिए आरक्षित
नई दिल्ली, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध आईसीयू बेड में से 80 प्रतिशत बेड कोविड-19 मरीजों के लिए सुरक्षित करने का आदेश जारी किया है। जिन निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड अभी अन्य मरीजों से भरे हैं, उनके खाली होने के बाद उसे कोविड-19 आईसीयू बेड में शामिल कर लिया जाएगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, दिल्ली में कोविड के 14,372 बेड में से अभी 7,938 बेड भरे हैं और अभी भी 50 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली हैं।
दिल्ली में बीते 24 घंटे में 60 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई और 4,321 नए केस आए, जबकि 28 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली में पिछले 10 दिनों में मृत्यु दर 0.68 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड हैं। हालांकि आईसीयू बेड में थोड़ी सी कमी आनी शुरू हो गई है। इसलिए दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि दिल्ली के जो 33 बड़े अस्पताल है, उन अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रखना होगा और बाकी 20 प्रतिशत बेड यह अस्पताल अन्य मरीजों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके साथ ही कोविड अस्पतालों को 30 प्रतिशत तक कोविड-19 के बेड बढ़ाने का आदेश दिया है। यदि किसी अस्पताल के पास 100 बेड हैं, तो वो अपने अस्पताल में बेड बढ़ा कर 130 तक कर सकता है। जिसके पास 200 बेड है, वो 260 कर सकता है और जिनके पास 500 बेड है, वो उसे बढ़ा कर 650 तक कर सकते हैं। इसके साथ ही जो नए अस्पताल हैं, उन सभी अस्पतालों को कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, आईसीयू बेड की ही थोड़ी सी दिक्कत आ रही है। हालांकि अभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड है, लेकिन लोगों की पसंद वाले अस्पतालों में आईसीयू बेड की कमी हो रही है। जिन अस्पतालों की अधिक मांग है, उन अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। सरकार का यह आदेश सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए जारी किए गए हैं।
सत्येंद्र जैन ने कहा,अभी भी दिल्ली के अस्पतालों में बेड की संख्या कम नहीं है। दिल्ली में 50 प्रतिशत से ज्यादा अभी भी बेड खाली हैं। कुछ प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड की दिक्कत आ रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अब लॉकडाउन का समय निकल चुका है। लॉकडाउन के बाद हमें काफी अनुभव मिल चुका है। कोरोना के संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका मास्क पहनना है।
जीसीबी-एसकेपी
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।