दिल्ली : मरीज के मस्तिष्क में सबसे अधिक जगह फैले घाव को हटाया गया

Delhi: The widest wound in the patients brain was removed.
दिल्ली : मरीज के मस्तिष्क में सबसे अधिक जगह फैले घाव को हटाया गया
दिल्ली : मरीज के मस्तिष्क में सबसे अधिक जगह फैले घाव को हटाया गया
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। फोर्टिस अस्पताल-शालीमार बाग के डॉक्टरों ने 33 वर्षीय एक मरीज की हाल में मिनीमॅली इन्वेसिव, कंप्यूटर गाइडेड सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस मरीज के मस्तिष्क के बीचों-बीच एक घाव बना हुआ था जिसकी वजह से बार-बार मरीज को छोटे-मोटे हेमरेज की समस्या पेश आती थी।

ऐसे में सर्जरी का विकल्प काफी जोखिमपूर्ण था और कई तरह की जटिलताओं को पैदा कर सकता था। इस सर्जरी को डॉ. सोनल गुप्ता (डायरेक्टर एवं हेड, न्यूरोसर्जरी) तथा उनकी टीम में शामिल अन्य डॉक्टरों ने 5 घंटे में पूरा किया।

मरीज के शरीर के बाएं हिस्से में मोबिलिटी सीमित थी। उन्हें बार-बार सिर दर्द की समस्या पेश आती थी और लगातार कमजोरी भी बढ़ रही थी। एमआरआई जांच में पता चला कि मस्तिष्क के मध्य भाग में एक घाव है।

चिकित्सकीय जांच से यह भी पता चला कि मरीज को बार-बार होने वाले सिरदर्द का कारण मामूली रक्तस्राव थे। जब भी मरीज को रक्तस्राव होता तो इस घाव का आकार कुछ बढ़ जाया करता था और इसकी वजह से मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने के साथ-साथ आसपास के ऊतकों को भी नुकसान पहुंच रहा था। यह घाव ऐसी जगह पर था कि इसकी सर्जरी करना जोखिमपूर्ण था और ऐसा करना मस्तिष्क के अति संवेदनशील भाग को नुकसान पहुंचा सकता था। यदि ऐसा होता तो मरीज न सिर्फ हमेशा के लिए लकवाग्रस्त हो सकती थीं बल्कि उनकी बोलने की क्षमता भी नष्ट होने या वेजीटेटिव/सेमी-कोमाटोज अवस्था में जाने की आशंका भी थी।

इसके मद्देनजर, मरीज और उनके परिजनों को सर्जरी से जुड़े गंभीर परिणामों के बारे में पूरी जानकारी दी गई और उनकी काउंसलिंग भी की गई थी, जिसके उपरांत उन्होंने सर्जरी का फैसला किया।

डॉ. गुप्ता ने कहा, हमने मिनीमॅली इन्वेसिव सर्जरी का विकल्प चुना ताकि हम स्थायी क्षति के जोखिम को कम से कम रख सकें। कंप्यूटरी गाइडेड सर्जरी ने हमें मस्तिष्क के घाव तक सीधे पहुंचने में मदद की और हम माइक्रोस्कोप की मदद से इसे निकालने में कामयाब रहे हैं। ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया स्मूद रही और मरीज को सर्जरी के बाद 5वें दिन अस्पताल से छुट्टी दी गई। अब तक दुनियाभर में ऐसे केवल पांच मामले सामने आए हैं।

मरीज पिंकी शर्मा ने कहा, मेरा परिवार और मैं सर्जरी से जुड़े तमाम जोखिमों को जानने के बावजूद इसके लिए तैयार थे। हमें यह समझ में आ चुका था कि बार-बार हो रहे मामूली किस्म के रक्तस्रावों से मेरी तकलीफ बढ़ रही थी और कोई भी बड़ा रक्तस्राव तत्काल मौत का कारण बन सकता था। हमने डॉ. सोनल गुप्ता पर भरोसा रखा और उन्होंने हमें सर्जरी से जुड़े जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया। मैं अब काफी बेहतर महसूस कर रही हूं।

जेएनएस

Created On :   12 Oct 2020 1:00 PM GMT

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