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वार्षिक रिपोर्ट : एम्स से इलाज कराने में दिल्ली शीर्ष पर

हाईलाइट
- एम्स से इलाज कराने में दिल्ली शीर्ष पर: वार्षिक रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रमुख चिकित्सा संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली से इलाज कराने वाले राज्यों में सबसे ऊपर है। एम्स की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में, दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद तीन विभागों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या है। इनमें एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक और न्यूरोसाइंसेज सेंटर और सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च शामिल हैं।
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 44,14,490 रोगियों को वर्ष 2019-20 के दौरान उपचार की सुविधा मिली, जिसमें हताहत भी शामिल हैं, जबकि 2,68,144 रोगियों को यहां प्रवेश मिला और एम्स में वर्ष के दौरान कुल 2,01,707 रोगियों का ऑपरेशन किया गया। जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में, वर्ष 2019-20 और 2018-19 दोनों के लिए औसत प्रवास 10 दिन था। एम्स के मुख्य अस्पताल में 2019-20 में औसत बिस्तर अधिग्रहण दर का 85.9 प्रतिशत और 2018-19 में 86.8 प्रतिशत था, जबकि कार्डियोथोरेसिक और न्यूरोसाइंसिस विज्ञान केंद्र में, औसत बिस्तर अधिग्रहण दर 2019-20 में 83.8 प्रतिशत और 84.9 प्रतिशत थी।
जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में, औसत बिस्तर अधिग्रहण दर 2019-20 में 84 प्रतिशत और 2018-19 में 80 प्रतिशत थी। आम धारणा के विपरीत कि अधिकांश मरीज बिहार जैसे राज्यों से एम्स आते हैं, एम्स के मुख्य अस्पताल, कार्डियोथोरेसिक एंड न्यूरोसाइंसेज सेंटर और सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च (सीडीईआर) से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मरीज एम्स से प्रमुख उपचार सुविधाएं प्राप्त करने के लिए शीर्ष पर रहे हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश और फिर बिहार का स्थान है।
कुल भर्ती मरीजों में से, दिल्ली में 38.17 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी है, इसके बाद यूपी में 25.87 प्रतिशत और बिहार में 14.9 प्रतिशत है। इन तीन केंद्रों में भर्ती कुल 1,42,185 रोगियों में से 1,12,245 मरीज केवल इन तीन राज्यों के हैं, जो कुल रोगियों का 78.94 प्रतिशत है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इन तीन राज्यों के 78.94 प्रतिशत योगदान के अलावा, शेष 11 प्रतिशत रोगी देश के बाकी हिस्सों से आते हैं। इन तीन केंद्रों में भर्ती हुए कुल मरीजों में से दिल्ली में 54,274 मरीजों की अच्छी खासी हिस्सेदारी है, जो 38.17 फीसदी है। वहीं, यूपी के 36,784 मरीज थे, जो कुल 25.87 फीसदी थे, और बिहार में कुल 21,186 मरीजों का योगदान था जो कि कुल संख्या का केवल 14.9 फीसदी है।
(आईएएनएस)
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl