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मप्र में कोरोना मरीजों को खोजने में फीवर क्लीनिक मददगार

हाईलाइट
- मप्र में कोरोना मरीजों को खोजने में फीवर क्लीनिक मददगार
भोपाल/इंदौर, 7 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को खोजने में फीवर क्लीनिक मददगार साबित हो रहे हैं। एक तरफ जहां इन क्लीनिक के जरिए सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों को इलाज की सुविधा मिल रही है, वहीं जिन मरीजों के संक्रमित होने की आशंका है, उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है।
राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और सर्दी, जुकाम व खांसी के मरीजों को त्वरित गति से उपचार मुहैया कराने व कोरोना संक्रमितों की पहचान को आसान बनाने के मकदस से फीवर क्लीनिक खोलने की सरकार ने योजना बनाई। प्रथम चरण में राज्य में 1391 फीवर क्लीनिक खोले गए। यह सिलसिला जारी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक, फीवर क्लीनिक के माध्यम से जनता के लिए स्वास्थ्य जांच एवं उपचार और आसान होगा। ये फीवर क्लीनिक हर मोहल्ले, वार्ड व क्षेत्र में शुरू किए जाएंगे। ये शासकीय एवं निजी दोनों होंगे। यहां कोई भी व्यक्ति जाकर आसानी से स्वास्थ्य जांच करवा सकेगा तथा चिकित्सकीय परामर्श ले सकेगा।
फीवर क्लीनिकों की कार्यप्रणाली को देखें तो पता चलता है कि यहां आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो इन मरीजों को एंबुलेंस के द्वारा संबंधित जिले के प्रमुख अस्पताल भेजकर वहां इनका टेस्ट किया जाता है। टेस्ट के परिणाम के आधार पर आगे उपचार किया जाता है।
इस संपूर्ण प्रक्रिया में फीवर क्लीनिक के माध्यम से ऐसे मरीजों को भी चिन्हित कर लिया जाता है जो क्लीनिक न होने की दशा में सर्वे अथवा स्क्रीनिंग में छूट सकते थे।
इंदौर के बाणगंगा फीवर क्लीनिक के प्रभारी डॉ. विभूति पाठक ने बताया कि फीवर क्लीनिकों के माध्यम से जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं और सुलभ हो गई हैं। ओपीडी में रोजाना करीब 100 मरीज आते हैं यहां से शनिवार तक नौ मरीजों को एमटीएच अस्पताल रेफर किया गया है।
इंदौर के ही सामाजिक न्याय परिसर परदेसीपुरा में संचालित हो रहे फीवर क्लीनिक की प्रभारी डॉ. शिवानी वासेकर ने बताया कि क्लीनिक में मुख्यत: हाइपरटेंशन, डायबिटीज, फीवर, कफ, कोल्ड वगैरह के मरीज आ रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों को उपचार के साथ जरूरी सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।