मप्र में वन विभाग भी कोरोना योद्घा की भूमिका में

Forest Department also plays the role of Corona Yodha in MP
मप्र में वन विभाग भी कोरोना योद्घा की भूमिका में
मप्र में वन विभाग भी कोरोना योद्घा की भूमिका में

भोपाल, 28 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में हर कोई अपनी क्षमता के मुताबिक योगदान दे रहा है। मध्य प्रदेश का वन विभाग भी कोरोना योद्घा की भूमिका में है। मजदूरों को राशन-पानी की मदद दिए जाने के साथ मास्क, सैनिटाइजर से लेकर साबुन आदि तक उपलब्ध कराने में वन विभाग का अमला लगा है।

राज्य में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है, उन्हें किसी तरह की समस्या न आए इसके लिए वन विभाग ने अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत प्रवासी मजदूरों की सहायता, राशन, बिस्कुट, मास्क, दस्ताने, काढ़ा पैकेट, सेनिटरी नैपकीन के पैकेट, ईंधन की लकड़ी, आदि बांटने के साथ लोगों को निरंतर जागरूक भी किया जा रहा है।

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक (वन) पी सी दुबे ने बताया है कि उनके विभाग की ओर से अब तक प्रदेश में चार लाख 57 हजार 572 मास्क, लगभग दो हजार लिटर सैनिटाइजर, 15 हजार 859 साबुन, 56 हजार 483 राशन पैकेट और 29 हजार 919 बांस-बल्ली, वितरित कर चुका है।

कोरोना से बचाव और सुरक्षा के लिए वन कर्मी लगभग चार हजार जागरूकता शिविरों का आयोजन कर चुके हैं। इन शिविरों में लोगों को बताया गया कि वे किस तरह अपने को कोरोना महामारी से बचा सकते है। सभी को बार-बार हाथ धोने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गई। प्रशासन के साथ विभाग के दो लाख 287 वन कर्मी कंट्रोल रूम और विभिन्न चेकपोस्ट पर ड्यूटी कर रहे हैं। यही नहीं वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोरोना के लिये अब तक स्व-प्रेरणा से 88 लाख 97 हजार की राशि भी दी है।

एक तरफ जहां वन विभाग कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में अपना योगदान दे रहा है तो वहीं अपनी अन्य जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने में भी लगा है। राज्य में वन विभाग की 171 नर्सरियों में छह करोड़ पौधे हैं। इनका रख-रखाव नियमित रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया जा रहा है। इन नर्सरियों में काम करने वाले श्रमिकों और वन कर्मियों को नि:शुल्क मास्क, सैनिटाइजर, राशन आदि का वितरण भी किया जा रहा है।

मुख्य वन संरक्षक दुबे ने बताया है कि प्रशासन की मदद के लिए विभाग ने 48 वाहन, 20 रेस्ट हाउस और एक फॉरेस्ट स्कूल भी सौंपा है।

बताया गया है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मैदानी क्षेत्र के कार्यों की निगरानी की जा रही है। सभी राष्ट्रीय उद्यानों और टाइगर रिजर्व में भी वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य और गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

Created On :   28 May 2020 12:30 PM GMT

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