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मप्र में कोरोना मरीजों की सुधरती सेहत से सरकार को राहत

हाईलाइट
- मप्र में कोरोना मरीजों की सुधरती सेहत से सरकार को राहत
भोपाल, 2 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों की सेहत में आ रहे सुधार से राज्य सरकार राहत की सांस ले रही है। राज्य में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 60 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है। सरकार उम्मीद जता रही है कि आने वाले दिनों में हालात और भी बेहतर होंगे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य के मालवा-निमांड़ अंचल में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है। वहीं अन्य हिस्सों में राजधानी भोपाल व जबलपुर ही ऐसे स्थान हैं, जहां मरीजों का आंकड़ा बढ़ा हुआ है। मरीजों की बढ़ती संख्या और मौतों के आंकड़ों के बीच कुछ सुखद खबरें भी आ रही हैं। स्वस्थ हो रहे मरीजों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सोमवार देर शाम तक जो आंकड़े आए हैं, वे बताते हैं कि राज्य में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 60.5 प्रतिशत हो गया है। राज्य में अब तक 8283 मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 5003 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या 2922 है।
कोरोना के इंदौर में सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। यहां अबतक कुल 3539 मरीज मिले, जिसमें से 1990 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब सिर्फ 1414 एक्टिव मरीज ही बचे हैं। वहीं भोपाल में 1511 मरीजों में से 963 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, और अब सिर्फ 489 मरीज ही सक्रिय बचे हैं।
राज्य में कोरोना को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में 1197 फीवर क्लीनिक संचालित हैं, जिसमें बुखार तथा सर्दी-खांसी के रोगियों का उपचार किया जा रहा है। जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं, उनके नमूने लिए जा रहे हैं। इसके अलावा उपचार हेतु आयुष्मान भारत निरामयम के अंतर्गत 26 जिलो में 59 नए चिकित्सालयों को जोड़ा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्रा का कहना है, भोपाल, इंदौर और उज्जैन के अलावा राज्य के अधिकांश जिले ऐसे हैं, जहां एक या दो मरीज ही आ रहे हैं। जहां तक मरीजों की मौत की बात है तो जिन लोगों की मौत हो रही है, उनमें से अधिकांश अन्य बीमारियों से पीड़ित रहे हैं। मौत कोई भी हो दुखदायी है। कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, सावधानी बरतनी होगी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।