अस्पताल ने गलती से सैनिटाइजर पीने वाले 2 मरीजों की जान बचाई

Hospital saved the lives of 2 patients who accidentally drank sanitizer
अस्पताल ने गलती से सैनिटाइजर पीने वाले 2 मरीजों की जान बचाई
दिल्ली अस्पताल ने गलती से सैनिटाइजर पीने वाले 2 मरीजों की जान बचाई

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दो मरीजों ने गलती से सैनिटाइटर को पानी समझकर पी लिया, जिससे वे महीनों तक भोजन और पानी पीने में असमर्थ रहे। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ओसोफेगल रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी करने के बाद उनको एक नया जिंदगी प्राप्त हुई है।

कर्नाटक के रहने वाले 24 साल के एक लड़के ने चार महीने पहले गलती से सैनिटाइजर पी लिया था। स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी आंत में एक पाइप डाला गया और उन्हें पाइप के जरिए पीने की चीजें दी गईं।

शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती होने पर, उन्हें पूरी तरह से जख्म और पूरी भोजन नली और छोटी आंत और पेट के हिस्से में रुकावट पाई गई। डॉक्टरों ने एक पुनर्निर्माण सर्जरी की, जहां उनकी छोटी और बड़ी आंत के एक हिस्से का उपयोग एक नई भोजन नली बनाने के लिए किया गया था।

सर्जरी पांच घंटे से अधिक समय तक चली जिसके बाद मरीज को निगरानी में रखा गया। फोर्टिस अस्पताल वसंत कुंज और शालीमार बाग के लेप्रोस्कोपिक और मिनिमल एक्सेस सर्जरी के निदेशक डॉ अमित जावेद ने एक बयान में कहा कि मरीज बहुत अच्छी तरह से ठीक हो गया है और अब सामान्य भोजन करने में सक्षम है।

एक अन्य मामले में कश्मीर की एक 20 वर्षीय लड़की ने भी गलती से सैनिटाइजर पी लिया था। वह अपनी लार को निगलने में भी असमर्थ थी, और कुपोषण से कमजोर हो गई थी और उसका बहुत अधिक वजन कम हो गया था।

उसका जिंदगी ग्लूकोज पर निर्भर रह गई थी जो उसे अंत:शिरा में दिया जा रहा था।

यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी छह घंटे से अधिक समय तक चली, क्योंकि मरीज के गले में गंभीर जलन और घाव के निशान थे और उसकी खाने की नली में अकड़न (ग्रासनली की असामान्य जकड़न) थी। डॉक्टरों ने उसके पेट और आंत के एक हिस्से का उपयोग करके एक नया भोजन मार्ग बनाया।

डॉक्टरों ने कहा कि वह अच्छी तरह से ठीक हो गई है।

जावेद के अनुसार, लैप्रोस्कोपिक तकनीक द्वारा की जाने वाली ओसोफेगल रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी क्षतिग्रस्त भोजन पाइप वाले रोगियों के लिए एक आशा हो सकती है।

जावेद ने बताया, संक्षारक उत्तेजक पदार्थ होते हैं जो या तो जानबूझकर या दुर्घटना से निगलने पर अन्नप्रणाली (भोजन नली) और पेट में गंभीर जलन ्रपैदा कर देते हैं। शुरुआती लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, आवाज की गड़बड़ी, मुंह और गले में दर्द, लार का गिरना, उल्टी और पेट दर्द के साथ गंभीर मामलों में, अन्नप्रणाली और पेट का वेध हो सकता है।

हालांकि, जैसे ही गंभीर चोट ठीक हो जाती है, वहां सख्त हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भोजन मार्ग संकुचित हो जाता है और बाधा उत्पन्न होती है। बदकिस्मती से मरीज खाना-पीना नहीं कर पा रहा है। गंभीर मामलों में, रोगी अपनी लार तक निगलने में असमर्थ होता है।

उपचार में एंडोस्कोपिक फैलाव के प्रारंभिक सत्र शामिल हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   8 Oct 2021 10:00 AM GMT

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