सार्वजनिक परिवहन में सैनिटाइजेशन, नियंत्रण एवं सोशल डिस्टेंसिंग

Sanitization, control and social distancing in public transport
सार्वजनिक परिवहन में सैनिटाइजेशन, नियंत्रण एवं सोशल डिस्टेंसिंग
सार्वजनिक परिवहन में सैनिटाइजेशन, नियंत्रण एवं सोशल डिस्टेंसिंग

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय शहरी कार्य एवं आवास मंत्रालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नगरों एवं मेट्रो रेल कंपनियों को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विषय में एक परामर्श जारी किया है। इस परामर्श को चरणबद्ध तरीके अर्थात अल्प (यानी छह महीने के भीतर), मध्यकालिक (यानी एक वर्ष के भीतर) और दीर्घकालिक (यानी 1 से 3 वर्ष) से अपनाया जा सकता है।

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने परामर्श में कहा, सार्वजनिक परिवहन शहरी क्षेत्रों में, विशेष रूप से, निम्न एवं मध्य आय वर्ग के यात्रियों के लिए रीढ़ की तरह है। यह अनिवार्य है कि सही सैनिटाइजेशन, नियंत्रण एवं सोशल डिस्टेंसिंग उपायों का अनुपालन करते हुए सार्वजनिक परिवहन के उपायो के जरिये संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाया जाए।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने अपने परामर्श में कहा, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का सक्रिय उपयोग- इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम भीम, फोनपे, गूगलपे, पेटीएम आदि जैसी स्वदेशी नकदीरहित एवं स्पर्श रहित प्रणाली और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड तकनीक अपनाई जानी चाहिए।

कोविड-19 के बाद सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने को लेकर आम जनता के दिमाग में असुरक्षा की भावना को देखते हुए इसकी पूरी संभावना है कि सड़क पर निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी। जिससे वायु प्रदूषण बढ़ेगा तथा सड़क पर काफी भीड़भाड़ हो सकती है।

मंत्रालय ने कहा, कोविड-19 ने हमें विभिन्न सार्वजनिक परिवहन विकल्पों पर गौर करने और उनका समाधान ढूंढने का अवसर दिया है जो हरित, प्रदूषण मुक्त, सुविधाजनक और टिकाऊ हैं। यहां तक कि खरीदारी के क्षेत्र से भी भीड़भाड़ को समाप्त करने के द्वारा उन्हें पैदल यात्रियों के लिए अनुकूल बनाया जाना चाहिए और उन्हें आम लोगों को एक सुखद और सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए अधिक सुगम्य बनाया जाना चाहिए।

Created On :   12 Jun 2020 2:30 PM GMT

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