बादल का फटना और बाढ़ विभीषिका पर हुई संगोष्ठी

Seminar on cloudburst and flood hit
बादल का फटना और बाढ़ विभीषिका पर हुई संगोष्ठी
बादल का फटना और बाढ़ विभीषिका पर हुई संगोष्ठी

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय एवं बाथ-स्पा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया। इस खास संगोष्ठी में विचार का विषय था-- बादल का फटना एवं त्वरित बाढ़ विभीषिका के निवारण हेतु गहन शोध की जरूरत एवं इससे भविष्य में मिलने वाले हैरतंगेज लाभ।

गुरुवार को यह जानकारी दिल्ली विश्वविद्यालय के परियोजना निदेशक डॉ. बी.डब्ल्यू. पांडेय ने आईएएनएस को दी। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में बाथ-स्पा विश्वविद्यालय के परियोजना निदेशक डॉ. रिचर्ड जॉनसन एवं डॉ. एस्थर एडवर्ड तथा राज्य आपदा निवारण प्राधिकरण, गोविंद बल्लभ पंत संस्थान और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।

वक्ताओं और विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि सेंडई फ्रेमवर्क तथा विश्व आपदा निवारण में भारत की सहभागिता तथा विश्व जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों के निवारण के लिए यह संगोष्ठी मील का पत्थर साबित होगी। भारत में हिमालय पर्वतीय पर्यावरण अत्यधिक संवेदनशील एवं भंगुर पर्यावरण क्षेत्र हैं, जहां अत्यधिक वर्षा, बादल का फटना, त्वरित बाढ़ तथा भू-स्खलन, गंभीर एवं जानलेवा खतरे निरंतर उत्पन्न होते रहते हैं।

संगोष्ठी का आयोजन इन आपदाओं के निवारण के लिए 185 साल के आंकड़ों, नेहरू मेमोरियल पुस्तकालय एवं ब्रिटिश पुस्तकालय में मौजूद आंकड़ों के आधार पर किया गया। यह परियोजना ब्रिटिश काउंसिल, यूजीसी एवं यूकेरी द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है। संगोष्ठी में जेएनयू, जामिया मिलिया, पीयू व हिमाचल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी हिस्सा लिया।

Created On :   31 Oct 2019 11:00 PM IST

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