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विश्वयुद्धों के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा संकट : प्रधानमंत्री

हाईलाइट
- विश्वयुद्धों के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा संकट : प्रधानमंत्री
बेंगलुरु, 1 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दो विश्वयुद्धों के बाद कोविड-19 महामारी के रूप में सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। वह सोमवार को बेंगलुरु विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (आरजीयूएचएस) के 25 साल पूरे होने के जश्न का उद्घाटन करते हुए एक वीडियो लिंक के माध्यम से कहा, जैसे दुनिया विश्वयुद्ध के पहले और बाद में बदल गई थी, वैसे ही कोविड के आने के पूर्व और बाद की दुनिया भी अलग होगी।
मोदी ने चिकित्सा समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई का मूल चिकित्सा समुदाय और कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है।
मोदी ने कहा, वास्तव में डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी सैनिकों की तरह हैं, लेकिन सैनिक की वर्दी के बिना।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, राज्यपाल वजुभाई वाला, चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर, उपमुख्यमंत्री सी.एन. अश्वत्तनारायण आदि ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
मोदी को एक बड़ी स्क्रीन पर बोलते हुए सुनने के दौरान सभी नेता शारीरिक दूरी बनाकर और मास्क पहनकर बैठे थे।
सुधाकर ने ट्वीट किया, वाला और येदियुरप्पा के साथ आरजीयूएचएस के रजत जयंती समारोह में मैंने भाग लिया। मोदी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और सभा को संबोधित किया।
सुधाकर ने कहा कि प्रधानमंत्री कोविड-19 इनोवेशन चैलेंज हैकाथॉन को हरी झंडी दिखाएंगे, जो शीर्ष संस्थानों के प्रतिभाशाली दिमाग के सहयोग से समाधान प्रदर्शित करेगा।
राज्य सरकार ने आधुनिक चिकित्सा में उचित, व्यवस्थित शिक्षा, शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान के उद्देश्य से राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 1994 के माध्यम से मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना की है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।