Corornavirus: उप्र में जल्द होगा करोना संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज, योगी सरकार ने की घोषणा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्लाज्मा और पूल जांच का जल्द प्रयोग होगा। इसको बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।
मंगलवार को टीम 11 के साथ हुई बैठक के बाद अपर गृह सचिव पत्रकारों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश की जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि योगी ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रदेश में 2 जगह प्लाज्मा थेरेपी पर काम चल रहा है। इसके अलावा लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी इस पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती व गंभीरता से पालन करने की प्रदेशवासियों से अपील की है।
उन्होंने बताया कि कोविड केयर के लिए प्रदेश के लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की हर हाल में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश के अस्पतालों में कई दिनों से आपातकालीन सेवाएं बंद थीं। अब कई सरकारी अस्पतालों में यह सेवा शुरू करा दी है। प्रदेशवासियों से अपील की गई है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित अस्पतालों में ही आपातकालीन सेवा का उपयोग करें।
अपर मुख्य सचिव (गृह) ने बताया कि मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पुलिसबल, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से खुद को बचाने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि मानक के अनुरूप पीपीई और मास्क व सैनिटाइजर अस्पतालों में उपलब्ध करा दी जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 करोड़ से अधिक स्मार्ट फोन एक्टिव हैं, जिनमें से 1 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड कर लिया है। उन्होंने बताया कि अब तक इस ऐप से 150 से 200 अलर्ट भी प्राप्त हुए हैं, जिनका संज्ञान लेकर कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि रमजान के मौके पर अधिकारियों को विशेष हिदायत देते हुए कहा गया है कि आवश्यक सामग्री की डोर स्टेप डिलीवरी कराई जाए। सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि रमजान के समय सहरी और रोजा इतार घर पर ही करें।
गाजियाबाद और नोएडा प्रशासन द्वारा दिल्ली बॉर्डर से आने वालों पर विशेष निगरानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि केवल मालवाहक वाहनों, डॉक्टरों और आवश्यक वस्तुओं के आवागमन को ही रियायत दी जाए।
उन्होंने बताया कि पूर्वाचल एक्सप्रेसवे का कार्य 45 प्रतिशत पूरा हो गया है। वर्तमान समय में इसके निर्माण में 4835 मजदूर लगे हैं। वहीं बुदेलखंड एक्सप्रेववे के निर्माण में 2150 मजदूर लगे हैं, हालांकि यहां औसतन 6000 मजदूर की जरूरत होती है। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण में 488 मजदूर लगे हैं। इस तरह करीब 7500 मजदूरों को रोजगार देने की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा 1000 अन्य लोगों को भी इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से रोजगार मिला है।
Created On :   22 April 2020 12:00 AM IST