दैनिक भास्कर हिंदी: घातक कोरोना वायरस से अनजान है उत्तर प्रदेश का मजदूर वर्ग

March 5th, 2020

हाईलाइट

  • घातक कोरोना वायरस से अनजान है उत्तर प्रदेश का मजदूर वर्ग

लखनऊ, 5 मार्च (आईएएनएस)। पूरा देश जहां घातक कोरोना वायरस के कारण डर में जी रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के निम्न-आय वर्ग के लोग इस वायरस को लेकर अनजान है।

रिक्शा चालक, सड़क किनारे की छोटी होटलों-ढाबों में काम करने वाले, निजी सुरक्षा गार्ड और निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठान के सेल्समेन जैसे लोगों का इस वायरस को लेकर सावधानी बरतना तो दूर, उन्हें तो इसके बारे में जानकारी ही नहीं है।

राम नरेश पांडे, जो कि एक निजी सुरक्षा एजेंसी में काम करते हैं, उनकी पोस्टिंग एक शॉपिंग मॉल में है। उनसे जब कोरोना वायरस के बारे में पूछा तो वो कुछ जबाव ही नहीं दे पाए, जबकि उनका सामना हर दिन सैंकड़ों लोगों से होता है। मास्क के बारे में पूछा तो वो बोले कि वह तो प्रदूषण से बचने के लिए होता है।

रिक्शा चालक मोनू कश्यप को सर्दी है लेकिन उन्हें अंदाजा भी नहीं है कि यह कोरोना वायरस का लक्षण भी हो सकता है और उनके जरिए रिक्शे में बैठने वाले यात्रियों को संक्रमित कर सकता है। मोनू का मानना है कि मौसम में बदलाव के कारण उन्हें सर्दी हुई है।

लखनऊ-बाराबांकी हाईवे के किनारे बने होटल में काम करने वाले 16 साल के सलीम को 4 दिन से सर्दी और तेज बुखार है, फिर भी वह रोज काम कर रहे हैं।

कोरोना वायरस के बारे में पूछा तो सलीम ने जबाव दिया, मुझे इस बीमारी के बारे में कुछ नहीं मालूम है। मैं 12 से 14 घंटे काम करता हूं। मुझे न्यूजपेपर पढ़ने या टीवी देखने का समय कहां से मिलेगा?

सुल्तानपुर जिले के अर्जुनपुर गांव के किसान असलम गुड्डू हों या प्रयागराज के बस कंडक्टर राकेश सिंह, इन्हें भी ना तो इस बीमारी के बारे में मालूम है और ना लक्षणों के बारे में।

इस मामले में जब एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी से आईएएनएस ने बात की तो उन्होंने कहा, ग्राम प्रधानों को गांवों में बैठकें लेने और लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। जैसे ही हमें इस बारे में निर्देश मिलेंगे, हम इस पर काम करेंगे। निम्न-आय वर्ग के लोग ना तो टीवी न्यूज देखते हैं, ना अखबार पढ़ते हैं। उन्हें इस बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है।

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