जरूरत से ज्यादा सोना बना सकता है आपको दिल का मरीज
डिजिटल डेस्क। हर कोई अपने बिस्तर पर सबसे ज्यादा कम्फर्ट फील करता है। खुद को रिलेक्स रखने और रिफ्रेश रखने के लिए कोई भी सोना सबसे ज्यादा पसंद करता है। सोना जितना हमारे शरीर की जरूरत है शायद उतनी ही मन की चाहत भी। 6 से 8 घंटे की नींद सभी को लेनी चाहिए, लेकिन अगर कोई इससे ज्याद नींद ले ले तो क्या होता है। अगर आप ये सोचते हैं कि कम सोने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तो आप गलत हैं। हर दिन 10 घंटे से ज्यादा सोना भी आपके मेटाबोलिक (उपापचयी) सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है। इससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
रोजाना 10 घंटे से अधिक समय तक सोने वालों के कमर का घेरा बढ़ जाना, उच्च ट्राइग्लिसराइड के स्तर को मेटाबोलिक सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है और ये दिल संबंधी बीमारियों के बढ़े जोखिम से जुड़ा होता है। ट्राइग्लिसराइड में एक प्रकार का वसा, अच्छे कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर, उच्च रक्तचाप का खतरा शामिल है।
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पुरुषों और महिलाओं दोनों में ज्यादा समय तक सोने से ट्राइग्लिसराड का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है। महिलाओं में इसकी वजह से कमर में मोटापा बढ़ जाता है, साथ ही ब्लड शुगर व अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी गिर जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके विपरीत, छह घंटे से भी कम की नींद पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के उच्च जोखिम से जुड़ी हुई है और पुरुषों व महिलाओं में कमर के घेरे के बढ़ने से जुड़ी है।
दक्षिण कोरिया में सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के मुख्य लेखक क्लेयर ई किम ने कहा, "ये सबसे बड़ा अध्ययन है, जो पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग घटकों के बीच सोने की अवधि और मेटाबॉलिक सिंड्रोम और खुराक की प्रतिक्रिया की जांच करता है।"
Created On :   15 Jun 2018 11:27 AM IST