वर्ल्ड बिकिनी डे : 72 साल पहले पहली बार हुआ था बिकिनी का प्रदर्शन

World Bikini Day: for he first time bikini was shown 72 years ago
वर्ल्ड बिकिनी डे : 72 साल पहले पहली बार हुआ था बिकिनी का प्रदर्शन
वर्ल्ड बिकिनी डे : 72 साल पहले पहली बार हुआ था बिकिनी का प्रदर्शन

 

डिजिटल डेस्क । बुधवार (5 जुलाई) को वर्ल्ड बिकिनी डे है। सुनने में बहुत अजीब लगता है कि जहां अन्य किसी परिधान को लेकर को कोई डे नहीं मनाया जाता है लेकिन बिकिनी के लिए तारीख तय कर दी गई है। बिकिनी अन्य देशों में मात्र एक पोशाक है लेकिन भारत में ये "हौआ" है। इसे आम जनता तो क्या अगर कोई सेलेब्रिटी भी पहन ले तो आधी आबादी धर्म और संस्कार का ज्ञान देने लगती है। यही वजह है कि भारत में बिकिनी पहनने से गुरेज करते हैं। वैसे तो ये पूल या समंदर में नहाते वक्त पहनी जाती है, लेकिन भारत में पब्लीकली टू पीस या बिकनी पहनना संस्कृति के खिलाफ है। बदलते वक्त के साथ इसे अपनाया भी जा रहा है। आज स्विमिंग पूल से लेकर खेल के मैदान तक ये देखी जा सकती है। ये ड्रेस पहनने में बेहद आराम दायक होती है। 

भारत के अलावा कई ऐसे देश है जहां बिकिनी पहनना उनकी सभ्यता और तौर-तरीका है। ये सभ्याता ज्यादातक देश पश्चिमी देशों की ही है और उन्हीं देशों में इस दिन को बिकिनी के नाम किया गया है। आइए जानते है कि क्यों बिकिनी को लेकर इतनी बातें की जाती है और किसने इस की शुरूआत की थी। 

 

 

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किसने बनाई बिकिनी ?

बिकिनी को फ्रेंच इंजिनियर "लुईस रियर्ड" ने बनाया था। रियर्ड की बनार्इ बिकिनी 5 जुलाई 1946 को प्रदर्शित हुर्इ थी। वहीं इस ड्रेस का नाम भी बिकिनी अटॉल नाम की एक जगह के नाम पर रखा गया था।बिकिनी अटॉल वो जगह थी जहां पर उस समय अटोमिक बम की टेस्‍टिंग हो रही थी। 

 

 

 

मिशेलिन बर्नार्डिनी ने पहली बार की पहनी थी बिकिनी

रियर्ड को ड्रेस तैयार करने के बाद इसे प्रदर्शित करने के  लिए एक मॉडल की जरूरत थी उस वक्त में कोई भी मॉडल टू पीस ड्रेस को पहन कर रैंप पर चलने और फोटो खिंचवाने के लिए तैयार नहीं थी। ऐसे में उन्होंने पेरिस मॉडल "मिशेलिन बर्नार्डिनी"  को ये ऑफर दिया। बर्नार्डिनी ने भी उसे स्वीकार कर लिया था। 

 

 

 

टू पीस ड्रेस बिकिनी प्रदर्शित होने से पहले ही चर्चा में थी। वहीं "लुईस रियर्ड"  को भी भरोसा था कि ये काफी पसंद की जाएगी। पेरिस की मिशेलिन बर्नार्डिनी  का बेझिझक 5 जुलाई को बिकिनी ड्रेस पहनना कर्इ बड़े अखबारों की हेडलाइन बन गया था। 

पेरिस की मॉडल बर्नार्डिनी  के बिकिनी  पहनने के बाद लोगों ने उन्हें हाथों हाथ लिया था। खास कर पुरुषों को तो ये कुछ ज्यादा ही पसंद आर्इ थी। 

 

 

कुछ देशों ने लगा दिया था बैन 

शुरुआत में कुछ कारणों से इटली समेत कुछ देशों में इस पर बैन लगा था। हालांकि कुछ समय बाद इस पर से बैन हटने के बाद 1950 में यह तेजी से चलन में आर्इ। 1960 में अमेरिका में भी इस पर से बैन हट गया और ये ड्रेस काफी पसंद की जाने लगी थी।

 

 

वक्त के साथ इसका चलन बढ़ने लगा

शुरू में  बिकिनी सिर्फ तैराकी के लिए पहनी गर्इ लेकिन वक्त के साथ इसका चलन बढ़ने लगा। सी बीच से लेकर यह रैंप वाॅक तक पहनी जाने लगी। ब्यूटी कांटेस्ट जैसी प्रतियोगिताओं में भी यह पहनी जाने लगी। गर्मियों में आराम मिलने से यह लोकप्रिय हो गर्इ।

 

 

Created On :   5 July 2018 12:17 PM IST

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