29 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं पहली बार घरों से कर रहे काम

29 percent men, 25 percent women working from home for the first time
29 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं पहली बार घरों से कर रहे काम
29 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं पहली बार घरों से कर रहे काम

नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग अपने घरों से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रहे हैं। लगभग 29 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाओं ने पहली बार घर से काम शुरू किया है। यह बात आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण में शनिवार को सामने आई।

सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 29.7 प्रतिशत पुरुषों ने पहली बार घर से काम करना शुरू किया है, जबकि 5.3 प्रतिशत पहले भी ऐसा कर चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 56.9 फीसदी लोगों ने कहा कि बंद के बीच वे घर से काम नहीं कर रहे हैं।

इसी तरह महिला कर्मचारियों की बात करें तो लगभग 25 प्रतिशत महिलाओं ने बंद के बीच पहली बार घर से काम करना शुरू कर दिया है।

सर्वेक्षण के अनुसार, 7.4 प्रतिशत महिलाएं पहले से ही घर से काम कर रही हैं, जबकि 63.8 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि वे घर से काम नहीं कर रही हैं।

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि 25 साल से कम उम्र के 35 प्रतिशत से अधिक फ्रेशर्स (काम शुरू करने वाले नए कर्मचारी) पहली बार घर से काम कर रहे हैं, जबकि उनमें से 51 प्रतिशत घर से काम नहीं कर रहे हैं, वहीं इनमें से केवल चार प्रतिशत को ही पहले घर से काम करने का अनुभव है।

सर्वे में यह भी पता चला है कि 35 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 35 प्रतिशत लोग पहली बार घर से काम कर रहे हैं, जबकि उनमें से 51 प्रतिशत घर से काम नहीं कर रहे हैं। कुल 6.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पहले से घर से काम कर रहे हैं।

सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि लगभग 29 प्रतिशत पुरुष और 27 प्रतिशत महिलाओं ने राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान रसोई में नए व्यंजन तैयार करने की कोशिश की है।

सर्वेक्षण में बताया गया है कि बंद के दौरान 25 साल से कम उम्र के लगभग 36 प्रतिशत फ्रेशरों ने रसोई में नए व्यंजन तैयार करने की कोशिश की, जबकि 53 प्रतिशत ने कोशिश नहीं की और छह प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे पहले से ऐसा कर रहे हैं।

इसी तरह लॉकडाउन के दौरान 25 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने एक नया व्यंजन तैयार करने की कोशिश की, जबकि 61 प्रतिशत लोग इससे दूर रहे और 7.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पहले से ऐसा कर रहे हैं।

सर्वेक्षण में यह भी दावा किया गया कि 45 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के केवल 18.9 प्रतिशत लोगों ने बंद के दौरान एक नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जबकि 77 प्रतिशत लोगों ने कोशिश नहीं की और केवल 3.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ऐसा पहले से ही करते आ रहे हैं।

इस बीच 60 वर्ष से अधिक आयु के केवल 23.4 प्रतिशत लोगों ने एक नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जबकि 67.5 प्रतिशत लोग इससे दूर रहे और 8.1 प्रतिशत लोग पहले भी यह आजमा चुके थे।

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि उच्च शिक्षा समूह के लोगों ने निम्न आय वर्ग के लोगों की तुलना में लॉकडाउन के बीच रसोई में एक नया पकवान तैयार करने की अधिक कोशिश की।

इसमें कहा गया है कि उच्च आय वर्ग के 38.8 प्रतिशत लोगों ने कोई नया पकवान तैयार करने की कोशिश की, जिसके बाद मध्यम आय वर्ग में 33.8 प्रतिशत और निम्न आय वर्ग में 24.7 प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया।

Created On :   16 May 2020 9:30 PM IST

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