लॉकडाउन में ढील के बाद दिल्ली में 3500 नए मरीज, 110 की मौत

3500 new patients, 110 dead in Delhi after the lockdown relaxed
लॉकडाउन में ढील के बाद दिल्ली में 3500 नए मरीज, 110 की मौत
लॉकडाउन में ढील के बाद दिल्ली में 3500 नए मरीज, 110 की मौत

नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। लॉकडाउन में ढील देने के बाद दिल्ली में कोरोना के केस बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह में दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 3500 नए केस आए हैं। वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित 110 लोगों ने एक सप्ताह के दौरान अपनी जान गवाई है।

कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, लॉकडाउन में ढील देने के बाद पिछले एक सप्ताह में करीब 3500 नए केस आए हैं और 2500 लोग ठीक होकर घर भी गए हैं। वहीं 17 मई को अस्पतालों के 1750 बेड इस्तेमाल हो रहे थे और अब 2 हजार बेड इस्तेमाल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है। दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर 117 प्राइवेट अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेड को कोविड के लिए रिजर्व कर दिया है। अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कुल 4500 बेड हैं, जिसमें से लगभग 2 हजार बेड इस्तेमाल हो रहे हैं और 2500 बेड अभी खाली हैं। इसके अलावा जीटीबी अस्पताल में भी 1500 ऑक्सीजन बेड तैयार किए जा रहे हैं।

दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए ताजा निदेशरें के मुताबिक कोई भी अस्पताल किसी कोविड मरीज को उसके हाल पर नहीं छोड़ सकता है। यदि उसके पास कोविड बेड नहीं है, तो दूसरे अस्पताल में बेड दिलाने की उसकी जिम्मेदारी है। दिल्ली सरकार एक सिस्टम भी बना रही है, जिससे लोगों को आसानी से पता चल जाएगा कि कहां पर बेड उपलब्ध है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीते 17 मई को लॉकडाउन में काफी ढील दी गई थी। इसे एक सप्ताह हो गया है। एक सप्ताह बाद यह कह सकता हूं कि स्थिति नियंत्रण में हैं और कोई भी घबराने वाली बात नहीं है। जब लॉकडाउन में ढील दी गई थी। तब हमें यह उम्मीद थी कि केस में थोड़ी बढ़ोतरी होगी और थोड़ी बढ़ोतरी हुई भी है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा, मुझे चिंता तब होगी, जब दो बातें होंगी। एक, अगर मौत का आंकड़ा बहुत तेजी बढ़ने लगेगा। जैसा कि मै बार-बार कहता रहा हूं कि कोरोना आज या कल में जाने वाला नहीं है। अभी कोरोना तो रहेगा। अगर कोरोना होता रहे और लोग ठीक होकर अपने घर जाते रहें, तो चिंता करने का कोई विषय नहीं है। मौत के आंकड़े को हम कम से कम रख सकें, यह जरूरी है। दूसरा, जो केस हो रहे हैं, वह इतने गंभीर केस न हों कि हमारे अस्पतालों का पूरा सिस्टम बैठ जाए।

Created On :   25 May 2020 9:00 PM IST

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