दैनिक भास्कर हिंदी: मराठवाड़ा में हर दिन 3 किसान कर रहे हैं आत्महत्या, 21 दिनों में 66 किसानों ने दी जान

March 31st, 2018

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। देश भर में किसानों की हालत सुधरने की जगह बदतर होती जा रही है। महारष्ट्र किसान आन्दोलन और उसके बाद कर्जमाफी के ऐलान के बाद भी किसानों कि आत्महत्या रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा लगता है मानो मराठवाड़ा और वहां के किसानों की आत्महत्या जैसे एक ही सिक्के के दो पहलू बन गए हों। समाचार एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में बीते 21 दिन में 66 किसानों ने आत्महत्या की है। इस वर्ष किसानों की मृत्यु का यह आंकड़ा 221 तक पहुंच गया है। पीछे वर्ष 4 मार्च को यह संख्या 155 थी। मराठावाड़ में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बड़े ही भयावह हैं यहां प्रतिदिन औसतन 3 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने मराठवाड़ा में बढ़ती आत्महत्या को चिंताजनक बताया है। 

सम्पूर्ण कर्जमाफी चाहते हैं किसान
किसान की बढ़ती आत्महत्या के प्रमुख कारणों में बढ़ता हुआ कृषि ऋण, खेती से समुचित आय का ना प्राप्त होना, कपास की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव, ओलावृष्टि और अत्यधिक बारिश जैसे कारण शामिल हैं। राज्य सरकार की ओर से कर्ज माफी की योजनाओं को चलाये जाने के बावजूद राज्य में किसानों की आत्महत्या की घटनायें चिंताजनक ढंग से बढ़ती ही जा रही हैं। सरकार भले ही खेती-किसानी के लिए कितनी भी योजनाओं की घोषणा कर ले लेकिन आत्महत्या करने वालों की संख्या में कमी होने की बजाए वृद्धि होती जा रही है। बता दें कि फडणवीस सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज किसान सम्मान योजना के तहत किसानों का 1.50 लाख रुपए तक कर्जमाफ कर चुकी है। हालांकि, किसान संपूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।

क्या हैं आत्महत्या की प्रमुख वजहें

1- इस साल की बुआई के लिए लिया गया कर्ज न चुका पाने का डर। 
2- सिंचाई की अब तक वैकल्पिक व्यवस्था का ना होना।
3- पिछले चार-पांच साल से मराठवाड़ा में कम बारिश से सूखा।
4- अब तक नहीं मिला कर्ज माफी का लाभ।

मराठावाड़ में अब तक किसान आत्महत्याएं 

2014 में 551 आत्महत्याएं 
2015 में 1133 आत्महत्याएं 
2016 में 1053 आत्महत्याएं
2017 में 1067 आत्महत्याए

अधिकतर छोटे किसान 
बता दें कि मराठावाड़ा में छोटे, मंझोले और बड़े मिलाकर कुल 34 लाख 82 हजार 643 किसान मौजूद हैं। इनमें से छोटे किसानों की संख्या 14 लाख 3 तीन हजार 341 है जिनके पास 2 एकड़ या उससे कम कृषि योग्य भूमि है। इसके अलावा 2 से 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि वाले मंझोले किसानों की संख्या 13 लाख 32 हजार 559 है।