राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी पर बोले अखिलेश- सभी दल एकमत हों, ये जरूरी नहीं
- DMK चीफ स्टालिन ने राहुल गांधी को महागठबंधन का पीएम उम्मीदवार बताया था
- अखिलेश ने कहा- गठबंधन के किसी एक नेता की राय का मतलब यह नहीं कि सभी दल उनकी राय से सहमत हो
- राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी पर अखिलेश ने दी अपनी प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। DMK चीफ स्टालिन द्वारा राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बताने वाले बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इशारों ही इशारों में राहुल की पीएम उम्मीदवारी को नकार दिया है। अखिलेश ने कहा है कि गठबंधन के किसी एक नेता की राय का मतलब यह नहीं कि सभी दल उनकी राय से सहमत हों। अखिलेश ने कहा, "लोग BJP से नाखुश हैं। तेलंगाना सीएम के चन्द्रशेखर राव, ममता बनर्जी और शरद पवार ने बीजेपी के खिलाफ अन्य दलों को साथ लाने की एक बहुत अच्छी कोशिश की है। इन दलों में से कोई एक नेता अगर राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाने की बात करते हैं तो यह जरूरी नहीं कि महागठबंधन में सभी दलों के नेताओं की राय उन्हीं की तरह हो।
A Yadav on MK Stalin proposing R Gandhi"s name for PM candidate: Ppl are unhappy with BJP. Telangana CM, Mamata jiSharad Pawar ji had attempted to bring together all leaders to form an alliance. If someone is giving his opinion,isn"t necessary that alliance has the same opinion. pic.twitter.com/TzfhbV9p9Z
— ANI UP (@ANINewsUP) December 18, 2018
बता दें कि चेन्नई में तमिलनाडु के दिवंगत सीएम करुणानिधि के मूर्ति अनावरण के बाद उनके बेटे स्टालिन ने राहुल गांधी को महागठबंधन का पीएम उम्मीदवार बताया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी में मोदी के नेतृत्व वाले NDA को हराने की पूरी काबीलियत है। 16 दिसंबर हुए इस कार्यक्रम में मोदी विरोधी पूरा खेमा मंच पर एकजुट हुआ था। इस मौके पर सोनिया और राहुल गांधी के साथ-साथ, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के सीएम पिनराई विजयन, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, साउथ के दिग्गज अभिनेता रजनीकांत, बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा आदि विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए DMK चीफ स्टालिन ने कहा, पांच साल के पीएम मोदी के कार्यकाल में, देश 15 साल पीछे जा चुका है। अगर हम उन्हें एक और चांस देंगे तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा। पीएम मोदी खुद को इस देश का राजा समझ रहे हैं। हम सभी को लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होना पड़ेगा। हमें दिल्ली में एक नए प्रधानमंत्री को बनाने में मदद करनी होगी। मैं पीएम पद के लिए तमिलनाडु की ओर से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखता हूं। उनमें मोदी सरकार को हराने की पूरी काबीलियत है।
बता दें कि स्टालिन के इस बयान से महागठबंधन के अन्य नेता भी सहमत नहीं है। स्टालिन के बयान के तुरंत बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा था कि "यह उनकी (डीएमके) राय है। उनको अपनी राय रखने का अधिकार है।" उन्होंने कहा था, यह जरूरी नहीं कि विपक्ष को अपने गठबंधन के नेता का एलान करना चाहिए या लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को औपचारिक रूप प्रदान करना चाहिए।
Created On :   18 Dec 2018 5:52 PM IST