अवैध खनन मामला: CBI के रडार पर अखिलेश यादव, हो सकती है पूछताछ

Akhilesh Yadav was the Mining minister from 2012 to 2013 during UP illegal mining case
अवैध खनन मामला: CBI के रडार पर अखिलेश यादव, हो सकती है पूछताछ
अवैध खनन मामला: CBI के रडार पर अखिलेश यादव, हो सकती है पूछताछ
हाईलाइट
  • यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी CBI के रडार में आ गए हैं।
  • CBI टीम ने तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला के लखनऊ आवास पर भी छापा मारा था।
  • CBI सूत्रों के अनुसार एक साल (2012-13) अखिलेश ने खनन मंत्रालय भी संभाला था।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी में अवैध खनन से जुड़े मामले में कई जगह छापेमापी के बाद एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। CBI सूत्रों से जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव भी अवैध खनन से जुड़े मामले में फंस सकते हैं। दरअसल, अवैध खनन के जो मामले सामने आए हैं, उस समय खनन मंत्रालय, यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था। CBI सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव 2012 से लेकर 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री थे। इस दौरान एक साल (2012-13) अखिलेश ने खनन मंत्रालय भी संभाला था।

 

 

CBI सूत्रों ने बताया, अवैध खनन मामले में सख्ती से जांच की जा रही है। अखिलेश यादव के अधीन भी कुछ खास मंत्रालय थे, जिसमें खनन मंत्रालय भी शामिल है। 2012-13 के दौरान राज्य में किसी भी मंत्रीपद पर रहे सभी मंत्रियों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही उनके रोल की भी जांच की जाएगी।

CBI सूत्रों के अनुसार, शनिवार को 14 जगहों पर छापेमारी की गई। इनमें जलाओ, हमीरपुर, नोएडा, लखनऊ और कानपुर शामिल है। जांच में 11 लोगों के इस मामले में लिप्त होने की जानकारी मिली है। इसमें कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। जांच में पता चला कि कुछ समय के लिए खनन पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इन सरकारी अधिकारियों ने उस वक्त भी खनन जारी रखने का आदेश दिया था। 

 

 

CBI सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में आदिल खान, बी चंद्रकला, उस वक्त के माइनिंग ऑफिसर मोइनुद्दीन, एसपी रमेश मिसरा और उसका भाई, माइनिंग क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी समेत 11 लोगों पर आरोप लगे हैं। इससे पहले शनिवार को ही CBI टीम ने चर्चित आईएएस और तत्कालीन डीएम (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) बी. चंद्रकला के लखनऊ आवास पर भी छापा मारा था। जांच एजेंसी ने चंद्रकला के फ्लैट नंबर 101 (सफायर अपार्टमेंट) से कई जरूरी दस्तावेज जब्त किए।

 

 

आईएएस चंद्रकला पर आरोप है कि उन्होंने हमीरपुर जिले में 50 मुरम की खदानों के पट्टे 2012 में जारी किए थे, जबकि नियमों के मुताबिक खदानों की स्वीकृति ई-टेंडर के जरिए दी जानी थी, लेकिन उन्होंने सारे प्रावधानों को ताक पर रख दिया। इस मामले पर विजय द्विवेदी नामक युवक ने हाईकोर्ट में एक याचिका 2015 में दायर की थी, जिसके बाद 60 मुरम खदानों के पट्टे अवैध घोषित कर दिए गए थे। कोर्ट ने इस मामले की जांच 28 जुलाई 2016 को सीबीआई को सौंप दी थी।

Created On :   5 Jan 2019 1:36 PM GMT

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