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दैनिक भास्कर हिंदी: भय्यूजी महाराज को बेटी ने दी मुखाग्नि
हाईलाइट
- बहुत कोशिश बाद भी जब दूसरी पत्नी और बेटी के बीच खत्म नहीं हुआ विवाद तो टूट गए थे भय्यू जी
- अप्रत्याशित मौत से विशाल भक्त परिवार में शोक की लहर, एक दूसरे से लिपट पर रो पड़े लोग
- अंतिम संस्कार आज दस बजे से 2 बजे के बीच इंदौर में, अंतिम दर्शनों को उमड़े लोग
डिजिटल डेस्क, इंदौर। प्रवचनकर्ता भय्यूजी महाराज के अंतिम दर्शनों को पूरे इंदौर नगर के लोग उमड़ पड़े। बुधवार को भमोरी श्मशान घाट पर उनका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी। भय्यूजी महाराज ने मंगलवार को गोलीमार कर आत्महत्या कर ली थी। उनकी अप्रत्याशित मौत से उनके विशाल भक्त परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के पहले उनका पार्थिव शरीर आज इंदौर में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय और दूरदराज से आए भक्तों ने उनके अंतिम दर्शन किए। उनका पार्थिव शरीर को देखकर लोग एक दूसरे से लिपट कर रोते-बिलखते देखा जा रहा है। भय्यूजी महाराज की 3 माह की बेटी को भी अंतिम दर्शन के लिए लाया गया। अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और पंकजा मुंडे समेत कई हस्तियां उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचीं। भय्यू महाराज ने मंगलवार दोपहर अपने स्प्रिंग वैली स्थित घर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
Indore: Supporters mourn as mortal remains of spiritual leader Bhaiyyuji Maharaj are being taken to his native village. He had allegedly committed suicide after shooting himself at his residence yesterday. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/gEBFOcpgZZ
— ANI (@ANI) June 13, 2018
आत्महत्या की खबर सुन स्तब्ध हैं शुजालपुर के लोग
उधर शुजालपुर में भी लोग भय्यूजी महाराज द्वारा आत्महत्या किए जाने से गमजदा हैं। उनके पैतृक घर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एकत्र हैं। भक्ति, श्रद्धा और समर्पम का ऐसा अद्भुत नजारा कहीं और दिखाई देना मुश्किल है। भय्यूजी महाराज काफी समय से शुजालपुर में नहीं रहते थे। उनका पैतृक मकान भी काफी समय से सूना पड़ा था, लेकिन उनका अपने गृहनगर से जुड़ाव बिल्कुल कम नहीं हुआ था। वह कहीं रहें, लेकिन उनका शुजालपुर से जुड़ाव कभी कम नहीं हुआ। वहां का हर व्यक्ति उनसे व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ा हुआ था। लोगों को मंगलवार को जब भय्यूजी महाराज के असामयिक निधन की जानकारी हुई, पूरा नगर स्तब्ध रह गया।
शुजालपुर छूटा, पर रिश्ता बना रहा
लोग यकायक यकीन नहीं पा रहे कि जो व्यक्ति अदम्य जिजीविषा का जीता-जागता प्रतीक था, वह इस तरह अचानक आत्महत्या कैसे कर सकता है। वह व्यक्ति जो जीवन से निराश लोगों के जीवन में उम्मीद जगाता था, वह खुद इस कदर निराशा से कैसे घिर गया कि उसे आत्महत्या करनी पड़ी। भय्यू जी महाराज ने शुजालपुर में अपना बचपन और युवावस्था गुजारी थी। उनका पुश्तैनी मकान वार्ड नंबर दो दिगंबर जैन मंदिर के पास स्थित है। उनके मकान पर सालों से ताला पड़ा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं था कि भय्यूजी का अपने गृहनगर से संबंध ही खत्म हो गया था। वह हमेशा किसी न किसी रूप में यहां से जुड़े रहते थे। पिछले दिनों जब उन्होंने यहां जल संकट की स्थिति गंभीर देखी, तो उन्होंने जलसंरक्षण को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया। स्वयं धन देकर और स्थानीय लोगों को प्रेरित कर उन्होंने अनेक तालाब बनवाए। जिसके बाद यहां पानी का टोटा नहीं रहा। यही नहीं, स्थानीय लोगों को जब भी कोई जरूरत पड़ी वह हमेशा उनके साथ खड़े दिखाई दिए। इस लिए स्थानीय लोगों के मन पर उनके जाने का जख्म बहुत गहरा है।
जमींदार परिवार से थे भय्यूजी महाराज
24 अप्रैल 1968 को जन्मे 50 वर्षीय भय्यूजी महाराज उर्फ उदय पिता विश्वासराव देशमुख ने प्राथमिक शिक्षा दीप्ति कॉन्वेंट व उच्च शिक्षा जवाहरलाल नेहरू कॉलेज शुजालपुर में प्राप्त की थी। इनके पिता विश्वासराव देशमुख को-ऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक थे। उनका पुश्तैनी गांव अख्त्यारपुर है। उनके पिता अख्त्यारपुर के मालगुजार थे। पिताजी के निधन के बाद भय्यूजी महाराज ने उनकी गांव में समाधि भी बनवाई थी। उनकी माता कुमुदनीदेवी भय्यूजी महाराज के साथ ही इंदौर में रह रही थीं। उनकी दो बहनें रेणुका व अनुराधा हैं, जिनका विवाह हो चुके हैं। भय्यू जी महाराज का पहला विवाह औरंगाबाद (महाराष्ट्र) निवासी माधवी देशमुख से हुआ था। इनकी एक बेटी कुहू (18) है, जो इस समय पुणे में पढ़ रही है। पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने अप्रैल 2017 में दूसरा विवाह किया था। उनका जीवन निरंतर बदलाव का गवाह रहा है। वह पहले फैशन डिजाइनर थे। उन्होंने मॉडलिंग भी की थी। बाद में वह आध्यात्म की ओर मुड़ गए।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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