10 साल की उम्र में भूपेन हजारिका ने रिकॉर्ड किया था पहला गाना, बॉलीवुड को दिए हैं कई सुपरहिट
- भूपेन गीतकार होने के साथ-साथ संगीतकार और गायक भी थे।
- हजारिका एक ऐसे कलाकार थे
- जो अपना गाना खुद लिखते थे
- कम्पोज करते थे और फिर उसे गाते थे।
- हजारिका ने 10 साल की उम्र में सबसे पहला गाना रिकॉर्ड किया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को असम के तिनसुकिया जिले के सदिया में हुआ था। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भूपेन गीतकार होने के साथ-साथ संगीतकार और गायक भी थे। इसके अलावा वह असमिया भाषा के कवि, फिल्म प्रोड्यूसर और लेखक थे। हजारिका ने 10 साल की उम्र में सबसे पहला गाना रिकॉर्ड किया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा।
हजारिका एक ऐसे कलाकार थे, जो अपना गाना खुद लिखते थे, कम्पोज करते थे और फिर उसे गाते थे। उनके गानों ने लाखों दिलों में अपनी पैठ बनाई है। "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" जैसे गानों से उन्होंने लोगों को अपना दिवाना बना दिया। गांधी टू हिटलर मूवी में हजारिका ने महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन "वैष्णव जन" गाया था। गाने के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हजारिका को पद्मभूषण और दादा साहेब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
बचपन से ही हजारिका ने काफी परेशानियां झेली हैं। उनका परिवार काफी बड़ा था। 10 भाई-बहनों में वह सबसे बड़े थे। 5-6 साल की उम्र से ही वह अपनी मां को गाना गाते ध्यान से सुनते थे। उन्हें गाने की प्रेरणा भी अपने मां से मिली है। उन्होंने 1939 में 12 साल की उम्र में फिल्म इंद्रमालती के लिए काम किया था। 13 साल की उम्र में हजारिका ने अपना सबसे पहला गाना लिखा था।
1942 में हजारिका ने अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी चले गए। वहां से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह वापस असम लौट आए। गुवाहाटी में डेरा डालकर ऑल इंडिया रेडियो में काम करना शुरू कर दिया। ऑल इंडिया रेडियो के लिए उन्होंने गाना शुरू किया। हजारिका को कई भाषाओं का ज्ञान था। इसका इस्तेमाल करते हुए उन्होंने बंगाली गानों को हिंदी में ट्रांसलेट करना शुरू कर दिया। साथ ही लाइव इवेंट शो में भी जाने लगे।
हजारिका ने 1950 में प्रियम्वदा पटेल से शादी की। हालांकि दोनों के बीच रिलेशनशिप काफी समय तक नहीं चल सकी। पैसों की तंगी के कारण प्रियम्वदा ने उन्हें छोड़ दिया। पत्नी का इस प्रकार छोड़ जाने से हजारिका टूट चुके थे और उन्होंने संगीत को ही अपना जीवन बना लिया। हजारिका ने रुदाली, मिल गई मंजिल मुझे, गजगामिनी और दमन जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत दिए हैं। उन्होंने अपने जीवन में 1,000 गाने और 15 किताबें लिखीं हैं। इसके अलावा उन्होंने फिल्म डायरेक्शन में भी काफी योगदान दिया है। उनके डायरेक्शन में बनीं पहली फिल्म का नाम "एरा बतर सुर" था। इसके अलावा उन्होंने सीरियल "डॉन" को प्रोड्यूस भी किया था।
हजारिका को 1975 में बेस्ट फिल्म के लिये नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वहीं 1992 में फिल्म जगत का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 2009 में "असोम रत्न" और "संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड" भी दिया गया था। 2011 में हजारिका को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। भूपेन हजारिका का निधन 5 नवंबर, 2011 को 85 वर्ष की आयु में मुंबई में हुआ था।
Created On :   25 Jan 2019 10:48 PM IST