- महाराष्ट्र के नौ जिलों में बर्ड फ्लू, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में कुक्कुट पक्षियों को मारना जारी
- जालोर बस दुर्घटना अपडेट: घटना में 6 लोगों की हुई मौत, कई घायल
- दिल्लीः रिपब्लिक डे परेड की रिहर्सल आज से, इंडिया गेट के आसपास ट्रैफिक डायवर्ट
- महाराष्ट्र में 18 जनवरी तक नहीं लगेगा कोरोना का टीका, Co-WIN ऐप में आई गड़बड़ी
- नई दिल्लीः ब्रैंक फ्रॉड मामले में CBI के 4 अफसरों पर एक्शन
मप्र में गौ पर्यटन नीति बनेगी : शिवराज

हाईलाइट
- मप्र में गौ पर्यटन नीति बनेगी : शिवराज
भोपाल 22 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे बढ़ रही है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एलान किया है कि राज्य में नई पीढ़ी को गौ सेवा से जोड़ने के लिए गौ पर्यटन नीति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने आगर-मालवा जिले के गौ-अभयारण्य सालरिया में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और संत समाज के साथ गोष्ठी कर उनके सुझाव प्राप्त किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा और इससे आज की नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए गौ पर्यटन की नीति बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के लिए समेकित नीति बनाए जाने की शुरुआत की गई है। गौ-शालाओं का संचालन केवल सरकार अकेले करे इससे बेहतर है कि इसमें श्रद्धा, आस्था और समर्पण भाव रखने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने चर्चा उपरांत कहा, शीघ्र ही इस संबंध में सभी संस्थाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग रखी जाएगी, ताकि सभी के सुझाव वृहद स्वरूप में प्राप्त हो सकें। इसी के आधार पर मध्यप्रदेश में नई गौ नीति बनायी जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, गौ-मूत्र से बने कीटनाशक हमें जहरीले केमिकल से मुक्ति दिला सकते हैं, वहीं गौ-काष्ठ और अन्य उत्पाद आज अधिक प्रासंगिक है।
उन्होंने गौ-केबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया, हमारे समक्ष गौशालाओं के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे रखने और इन गौशालाओं में बेहतर संसाधन के लिए गौ-ग्रास के रूप में न्यूनतम राशि प्राप्त करने का प्रस्ताव है। हम केवल गौ-ग्रास पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। गौशालाओं के संचालन और नवीन निर्माण के लिए पंच-परमेश्वर और अन्य संबंधित विभागों के विभिन्न योजनाओं का भी सहारा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने सालरिया में गौ माता के संबंध में एक रिसर्च सेंटर बनाने के निर्देश नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय के कुलपति को दिए। उन्होंने कहा कि यहां गौशालाओं के संचालन का आधार बनाकर एक प्रशिक्षण केन्द्र भी बनाया जाए। यहां राष्ट्रीय सेवा योजना के कैंप लगे इसके प्रयास भी हो। गौ माता के सानिध्य में ध्यान योग के प्रबंध भी किए जाएं। यह अभयारण्य समग्र रूप से एक स्वावलंबी गौशाला का उदाहरण बने, इसके प्रयास किए जाएंगे।
एसएनपी/आरएचए
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।