Toolkit Case: दिशा रवि को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- सरकार की नीतियों से असहमति रखने वालों को जेल में नहीं डाला जा सकता

Disha Ravi got bail in connection with toolkit case
Toolkit Case: दिशा रवि को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- सरकार की नीतियों से असहमति रखने वालों को जेल में नहीं डाला जा सकता
Toolkit Case: दिशा रवि को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- सरकार की नीतियों से असहमति रखने वालों को जेल में नहीं डाला जा सकता
हाईलाइट
  • 'टूलकिट' मामले में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत
  • एक लाख रुपए के बॉन्ड पर दिशा को जमानत मिली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान आंदोलन से जुड़े "टूलकिट" मामले में  गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत मिल गई है। एक लाख रुपए के बॉन्ड पर दिशा को जमानत मिली है। सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, सरकार के जख्मी गुरूर पर मरहम लगाने के लिए देशद्रोह के मुकदमें नहीं थोपे जा सकते। कोर्ट ने कहा, सरकार पर सजग तरीके से नजर रखने वाले नागरिकों को सिर्फ इसलिए जेल में नहीं डाला जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमति रखते हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 में भी विरोध करने के अधिकार के बारे में पुरजोर तरीके से कहा गया है।

कोर्ट ने कहा, ‘‘वॉट्सऐप ग्रुप बनाना या किसी टूलकिट को एडिट करना कोई अपराध नहीं है। रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं मिला, जो बताता हो कि दिशा किसी अलगाववादी विचारधारा से जुड़ी थीं। दिशा का अपनी पहचान छुपाने की कोशिश करना भी बेवजह के विवादों से खुद को दूर रखने का एक तरीका था।

कोर्ट ने कहा, अब तक मिले छोटे और अधूरे सबूतों के मद्देनजर 22 साल की एक लड़की को जमानत देने के सामान्य से नियम से अलग जाकर जेल भेजने का कोई साफ कारण नजर नहीं आता क्योंकि इस लड़की का पिछला रिकॉर्ड पूरी तरह से अपराध रहित रहा है और समाज में उसकी गहरी जड़ें हैं।

इससे पहले दिन में, दिशा को दिल्ली पुलिस साइबर सेल कार्यालय लाया गया था। यहां दो अन्य संदिग्ध शांतनु मुलुक और निकिता जैकब के साथ उनका सामना कराया गया। दोनों अब जमानत पर बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वे उन्हें फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है। सोमवार को न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद दिशा की अदालत में पेशी हुई थी। दिल्ली पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की रिमांड पांच दिन बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने केवल एक दिन ही रिमांड बढ़ाई थी।

बता दें कि किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर "टूलकिट" शेयर करने और एडिट करने के आरोप में दिशा रवि की 13 फरवरी को बेंगलुरु में गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दिशा पूछताछ के दौरान जवाब देने में आनाकानी कर रही है। इतना ही नहीं उसने सारा दोष सह-आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक पर मढ़ दिया है। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि वह शांतनु और निकिता के सामने दिशा से पूछताछ करना चाहती है। पुलिस ने बताया था कि शांतनु को नोटिस दिया गया है, जो 22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे। इसके बाद दोनों का आमना-सामना कराया जाएगा।

 22 वर्षीय दिशा रवि जलवायु कार्यकर्ता हैं। वो बेंगलुरू की रहने वाली हैं। बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से उन्होंने बीबीए की डिग्री ली हैं और वह "फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया" नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं। दिशा गुड वेगन मिल्क नाम की एक संस्था में काम करती हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य जानवरों पर आधारित कृषि को खत्म कर उन्हें भी जीने का अधिकार देना चाहते हैं।

दिशा रवि पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के समर्थन में बनाई गई एक विवादित "टूलकिट" को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है। ये वही टूलकिट है जो इनवॉयरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। दिल्ली की एक अदालत ने रविवार (14 फरवरी) को दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

Created On :   23 Feb 2021 10:40 AM GMT

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