23 को होने हैं राज्यसभा चुनाव, वोटिंग से पहले देखें सभी राज्यों का गणित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा की तस्वीर शुक्रवार से बदलने वाली है। 16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को वोटिंग होनी है। राज्यसभा चुनावों में सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा, क्योंकि इस वक्त 21 राज्यों में उसकी सरकार है, जबकि 15 राज्यों में उसके मुख्यमंत्री हैं। हालांकि फायदा होने के बावजूद भी बीजेपी बहुमत से दूर ही रहेगी। राज्यसभा में 23 मार्च के बाद NDA की ताकत तो बढ़े जाएगी, लेकिन बिल पास कराने के लिए उसे अभी भी उतनी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, जितना अभी करना पड़ता है। ऐसे में चुनावों से पहले आज हम आपको सभी राज्यों की राज्यसभा सीटों का गणित बताने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले जानते हैं कि कैसे होता है राज्यसभा चुनाव?
ऐसे होता है वोटिंग का फॉर्मूला
राज्यसभा चुनावों में सिर्फ विधायक ही वोट डालते हैं। इसका एक फॉर्मूला होता है। मतलब विधानसभा में सभी विधायकों की संख्या को खाली राज्यसभा सीटों में 1 जोड़कर डिवाइड कर दिया जाए। अब जो संख्या आएगी, उसमें 1 और जोड़ दिया जाए। अब जो भी संख्या आएगी, हर उम्मीदवार को उतने ही वोट चाहिए होंगे। इसको उत्तर प्रदेश से समझते हैं। यूपी में विधायकों की संख्या 403 है और 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। यानी की 403 को 10+1 = 11 से डिवाइड कर दें। डिवाइड करने पर 36.63 आती है। अब इसमें भी 1 जोड़ते हैं, तो करीब 37 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है, किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए।
1. उत्तर प्रदेश :
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। यूपी विधानसभा में 403 विधानसभा सीट हैं और एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 विधायकों का वोट जरूरी है। राज्य में बीजेपी के पास 325 सीटें हैं और इस हिसाब से 10 में से 8 सीटें बीजेपी के खाते में आसानी से आ जाएंगी। 9वीं सीट के लिए समाजवादी पार्टी की जीत मानी जा रही है क्योंकि उसके पास 47 विधायक हैं। वहीं 10वीं सीट से मायावती ने भीमराव अंबेडकर को उतारा है। राज्यसभा चुनाव के लिए मायावती ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है। यूपी में BSP के 19 विधायक हैं और SP के 10 विधायक भी मायावती को वोट देंगे। इस लिहाज से मायावती के पास 29 वोट तो आ गए। अब अगर कांग्रेस के 7 विधायक भी BSP को वोट दें और राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक अजित सिंह भी साथ आ जाएं, तो मायावती के पास 37 वोट आ जाएंगे। इस हिसाब से भीमराव अंबेडकर राज्यसभा पहुंच जाएंगे।
UP की 10वीं राज्यसभा सीट से भीमराव अंबेडकर होंगे कैंडिडेट, 23 को होने हैं चुनाव
2. बिहार :
बिहार की 16 सीटों में से 6 पर शुक्रवार को चुनाव होंगे। JD(U) के पास 71 विधायक हैं, बीजेपी के पास 53 और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी RJD के खाते में कुल 80 विधायक हैं। बिहार में किसी भी उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए कुल 3,472 वोटों की जरूरत पड़ेगी यानी कम से कम 35 MLA का समर्थन। अपनी ताकत पर JD(U) और RJD सिर्फ 2 लोगों को राज्यसभा भेज सकती है, जबकि बीजेपी अपनी ताकत पर सिर्फ एक सदस्य को राज्यसभा भेज सकती है। कांग्रेस के पास यहां 27 विधायक हैं। यानी कांग्रेस और उनकी सहयोगी RJD मिलकर एक सदस्य को राज्यसभा भेज सकती है। ऐसे में बिहार में NDA और UPA दोनों को 3-3 सीटों पर जीत मिल सकती है।
3. महाराष्ट्र :
महाराष्ट्र में भी 6 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। यहां किसी भी उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए 42 विधायकों का समर्थन जरूरी है। अकेले चुनाव लड़ने पर बीजेपी 2 सदस्यों को राज्यसभा भेज सकती है, जबकि शिवसेना अकेले दम पर एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकती है। लेकिन एक साथ चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के कुल 4 सदस्यों को जीत मिल सकती है। अगर शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन टूटता है तो फिर एक सीट इनके हाथ से निकल जाएगी। 42 विधायकों के साथ कांग्रेस का एक सीट पर जीतना तय माना जा रहा है, लेकिन NCP(41) के खाते में एक विधायक की कमी है।
4. वेस्ट बंगाल :
वेस्ट बंगाल में 5 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होंगे। यहां एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए 50 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। तृणमूल कांग्रेस के खाते में 213 विधायक हैं। यानी वो कम से कम 4 सदस्यों को राज्यसभा भेज सकती है। कांग्रेस के पास सिर्फ 42 विधायक है यानी उन्हें किसी को राज्यसभा भेजने के लिए CPM के 26 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।
मध्य प्रदेश राज्यसभा : 5 सीटों पर होने हैं चुनाव, जानें क्या है पूरा गणित?
5. मध्य प्रदेश :
मध्य प्रदेश में भी 5 सीटों पर चुनाव होने हैं और इन पांचों राज्यसभा सीटों पर सभी कैंडिडेट्स का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीट हैं, जिनमें से बीजेपी के पास 165, कांग्रेस के पास 57, बीएसपी के पास 4 और 3 इंडिपेंडेंट कैंडिडेट हैं। इस हिसाब से राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए हर कैंडिडेट को 39 वोटों की जरूरत होगी। तो देखा जाए तो बीजेपी अपने चारों कैंडिडेट को राज्यसभा भेजने में कामयाब रहेगी, वहीं कांग्रेस के खाते में एक सीट जानी तय है।
6. गुजरात :
पिछले साल अगस्त में हुए राज्यसभा चुनावों में अहमद पटेल की सीट पर यहां रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था, लेकिन इस बार यहां ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। हालांकि इन 4 सीटों पर भी 6 उम्मीदवारों के उतरने से मुकाबला रोमांचक तो हुआ है। गुजरात में 4 सीटें खाली हैं। ऐसे में यहां उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए यहां कम से कम 37 विधायकों का समर्थन चाहिए। 77 विधायकों के साथ कांग्रेस दो उम्मीदवारों को राज्यसभा भेज सकती है, जबकि 99 विधायकों के साथ बीजेपी का 2 सीटों पर जीतना तय माना जा रहा है।
गुजरात के राज्यसभा चुनावों में फिर "हाईवोल्टेज ड्रामा", 4 सीटों पर 6 उम्मीदवार
7. कर्नाटक :
विधानसभा चुनाव से पहले यहां राज्यसभा के लिए 4 सीटों पर लड़ाई होनी है। यहां एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। कांग्रेस के पास 124 विधायक हैं और वो दो उम्मीदवारों को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है। बीजेपी के पास 2 वोट कम है, लेकिन वो जनता दल सेक्युलर के 39 विधायकों की मदद से 2 सीट जीत सकती है।
8. ओडिशा :
ओडिशा में भी 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। यहां एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। राज्य में बीजू जनता दल के पास 118 विधायक हैं। इस हिसाब से तीनों सीटों पर बीजू जनता दल की जीत तय है।
9. तेलंगाना :
तेलंगाना की 3 राज्यसभा सीटों पर 23 मार्च को वोटिंग होनी है। विधानसभा में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिती (TRS) के पास 119 में से 82 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 19, बीजेपी के पास 5, तेलगु देशम पार्टी के पास 3, CPM के पास 1 और AIMIM के 7 विधायक हैं। ऐसे में TRS की दो सीटों पर तो जीत तय है। अगर TRS को AIMIM का साथ मिल जाता है, तो वो तीसरी सीट जीतने में भी कामयाब रहेगी।
10. राजस्थान :
यहां पर 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं और एक सीट जीतने के लिए 51 विधायकों का समर्थन जरूरी है। विधानसभा में बीजेपी के पास 159 विधायक हैं और इस हिसाब से ये तीनों सीटें बीजेपी के खाते में जाना तय है।
11. झारखंड :
झारखंड की 2 राज्यसभा सीटें हैं और यहां एक उम्मीदवार को 28 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। बीजेपी के पास यहां 43 विधायक हैं और एक सीट पर उसकी जीत तय है। मगर दूसरी सीट के लिए यहां मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा (19 विधायक) को कांग्रेस (7 विधायक) और झारखंड विकास मोर्चा (2) का समर्थन मिल जाता है, तो उन्हें भी एक सीट पर कामयाबी मिल जाएगी।
राज्यसभा की बदलेगी तस्वीर, बीजेपी को कितना होगा फायदा?
12. उत्तराखंड :
उत्तराखंड में सिर्फ 1 ही सीट पर चुनाव होने हैं और उसे जीतने के लिए 36 विधायकों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के पास यहां पर 57 विधायक हैं और ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर आसानी से जीत मिल जाएगी।
13. छत्तीसगढ़ :
यहां भी सिर्फ 1 ही सीट पर चुनाव होने हैं और उसे जीतने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। 80 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 49 विधायक हैं और इस सीट पर उसकी जीत तय है।
14. हिमाचल प्रदेश :
हिमाचल प्रदेश की 1 राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव के लिए 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। बीजेपी के पास यहां पर 44 विधायक हैं और ये सीट उसके खाते में आसानी से चली जाएगी।
15. हरियाणा :
हरियाणा में भी 1 सीट पर ही चुनाव होने हैं और यहां भी 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। बीजेपी के पास यहां पर 47 विधायक हैं, ऐसे में उसकी जीत तय मानी जा रही है।
16. आंध्र प्रदेश :
यहां की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं और इसके लिए एक उम्मीदवार को 44 विधायकों की जरूरत है। राज्य में तेलगु देशम पार्टी के पास 102 विधायक हैं और इस हिसाब से वो दो सीट जीत सकती है। जबकि YSR कांग्रेस के पास 67 विधायक हैं और तीसरी सीट उसके खाते में जाना तय है।
Created On :   20 March 2018 2:22 PM IST