भारत में विभिन्न धर्म, जाति और वर्ग होने के बावजूद हम एक हैं : प्रणब मुखर्जी
- तिलक ने कहा था कि स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है : प्रणब मुखर्जी
- भारत में विभिन्न धर्म
- जाति और वर्ग होने के बावजूद हम एक हैं : प्रणब मुखर्जी
- मैं भारत के बारे में बात करने आया हूं: प्रणब मुखर्जी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। तमाम विरोधों के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा ले रहे प्रणब ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपने विचार रखे। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रवाद किसी धर्म या भाषा में नहीं बंटा है। पूर्व राष्ट्रपति अपने भाषण में भारतीय राज्य को प्राचीन महाजनपदों, मौर्य, गुप्त, मुगल और ब्रिटिश शासन से होते हुए आजाद भारत तक लेकर आए। उन्होंने कहा, "मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं। भारत दुनिया का पहला राज्य है और इसके संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है। उन्होंने कहा कि विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम विविधता में एकता को देखते हैं. मुखर्जी ने अपने भाषण में तिलक, टैगोर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू समेत अन्य विद्वानों को कोट करते हुए राष्ट्रवाद और देश पर अपनी राय रखी। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे।
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आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी का भाषण
- भारत में विभिन्न धर्म, जाति और वर्ग होने के बावजूद हम एक हैं : प्रणब मुखर्जी
- सहनशीलता ही हमारे समाज का आधार है
- सबने मिलकर देश को उन्नत बनाया है
- समस्याओं के लिए संवाद का होना जरूरी है
- राष्ट्रवाद किसी धर्म, भाषा या जाति से बंधा हुआ नहीं है
- नेहरु ने कहा था कि देश के लिए सबका साथ जरूरी
- तिलक ने कहा था कि स्वराज में धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं होगा
- तिलक ने कहा था कि स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है : प्रणब मुखर्जी
- भेदभाव और नफरत से देश की पहचान को खतरा
- देश पर कई बार आक्रमण हुए लेकिन हमारी संस्कृति बनी रही
- ह्वेनसांग और फाह्वान ने भी हिन्दुओं की बात की है
- सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी पहचान है
- हम अलग अलग सभ्यताओं को खुद में समाहित करते रहे हैं
- राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचान
- हम विवधता का सम्मान का करते हैं
- दुनिया का सबसे पहला राज्य है भारत
- मैं भारत के बारे में बात करने आया हूं
- देशभक्ति में देश के सभी लोगों का योगदान
- राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रभक्ति को समझने के लिए हम यहां हैं
मोहन भागवत का भाषण
- शक्ति को शील का आधार चाहिए: मोहन भागवत
- समाज में वातावरण बनाने वाले लोगों की जरूरत: मोहन भागवत
- शक्ति संगठन में होती है: मोहन भागवत
- संघ और प्रणब मुखर्जी जो हैं वहीं रहेंगे: मोहन भागवत
- प्रणब मुखर्जी को सहज रूप से आमंत्रण दिया और उन्होंने स्वीकार किया: मोहन भागवत
- संघ ने प्रणब के परिचय में कहा- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता रहे हैं
- संघ ने न्योता दिया और प्रणब ने स्वीकार किया: RSS
- प्रणब और संघ एक दूसरे के विचारों को जानते हैं: RSS
- नागपुर: हेडगेवार की तस्वीर पर प्रणब मुखर्जी ने चढ़ाए फूल
- प्रणब मुखर्जी का RSS कार्यक्रम में जाना सहिष्णुता का सबसे बड़ा उदाहरण: BJP
- मैंने भारत मां के सपूत को श्रद्धांजलि दी: विजिटर बुक में प्रणब मुखर्जी
- प्रणब मुखर्जी ने कहा, हेडगेवार मां भारती के महान सपूत
- हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रणब मुखर्जी ने लोगों का अभिवादन किया
- नागपुर: प्रणब मुखर्जी ने संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की
- संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया
- हेडगेवार के जन्म स्थान पर पहुंचे प्रणब मुखर्जी
- प्रणब मुखर्जी के बेटे ने किसी भी तरह की टिप्पणी से इंकार किया
- नागपुर: प्रणब मुखर्जी हेडगेवार के जन्म स्थान पर मौजूद
"Today I came here to pay my respect and homage to a great son of Mother India": Former President Dr.Pranab Mukherjee"s message in the visitor"s book at RSS founder KB Hedgewar"s birthplace in Nagpur pic.twitter.com/ax76NCzJMa
— ANI (@ANI) June 7, 2018
#WATCH:Former President Pranab Mukherjee in conversation with Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat at RSS founder KB Hedgewar"s birthplace in Nagpur. pic.twitter.com/PDXnP5H4lE
— ANI (@ANI) June 7, 2018
#WATCH RSS members welcome Former President of India Dr. Pranab Mukherjee on his arrival at Nagpur airport. He is the chief guest at a Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) program tomorrow (Earlier visuals) pic.twitter.com/vmLg23M7ni
— ANI (@ANI) June 6, 2018
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प्रणब मुखर्जी बुधवार की शाम को ही नागपुर पहुंच गए थे। वहां पहुंचते ही बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ताओं ने प्रणब मुखर्जी का फूलों के गुलदस्तों से स्वागत किया। कार्यक्रम के मुताबिक गुरुवार की शाम प्रणब मुखर्जी संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण कोर्स के समापन समारोह में भाषण देंगे। रात आठ बजे समारोह खत्म होने के बाद उनसे रात्रि भोजन की गुजारिश की गई है। गौरतलब है कि संघ का न्योता स्वीकार करने के बाद से ही प्रणब मुखर्जी विवादों में घिर गए हैं जानकारी के मुताबिक प्रणब गुरुवार शाम 5.30 बजे से रात 9.30 बजे तक संघ मुख्यालय में मौजूद रहेंगे।
#Maharashtra: Visuals of preparation for the concluding function of "Tritiya Varsh Varg" (third-year course) at RSS Headquarters in Nagpur. Former President Pranab Mukherjee will also participate in the event as the chief guest address the workers today. pic.twitter.com/lYbQQWIQlk
— ANI (@ANI) June 7, 2018
इतिहासकार रामचंद्र गुहा की प्रणब को सलाह
प्रणब मुखर्जी के RSS के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर सोशल मीडिर पर जमकर बयानबाजी चल रही है। इन सब के बीच इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने एक ट्वीट कर कहा है कि प्रणब मुखर्जी को किसी भी निमंत्रण को स्वीकारने या नकारने का अधिकार है लेकिन फेक न्यूज के इस जमाने में प्रणब मुखर्जी को अपनी पूरी स्पीच का टेक्स्ट सार्वजनिक करना चाहिए।
Pranab Mukherjee is free to accept or reject any invitation he gets. However, in this age of fake news he should make the full and authorised text of his lecture to RSS cadres at Nagpur available to the public as soon as it is delivered.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) June 7, 2018
कांग्रेस नेताओं ने उठाए थे सवाल
आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद पी चिदंबरम, जयराम रमेश और सीके जाफर शरीफ से लेकर कई कांग्रेस के नेताओं ने उन पर सवाल उठाए थे। साथ ही उन्हें सलाह दी गई थई कि वो आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल न हों। मगर प्रणब मुखर्जी तमाम नेताओं के विरोध के बावजूद संघ के इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
आरएसएस ने भी बयानबाजी का दिया था जवाब
वहीं लगातार हो रही बयानबाजी को लेकर RSS ने कहा था कि जो लोग संघ को जानते हैं उनके लिए ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं हैं। हमने अपने कार्यक्रमों में पहले भी देश के बड़े लोगों को बुलाया है, इसी प्रकार प्रणब मुखर्जी को भी बुलाया गया है। ये उनका बड़प्पन है कि उन्होंने हमारा न्योता स्वीकार किया।
Created On :   7 Jun 2018 9:15 AM IST