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हार्दिक का दावा, गुजरात में 10 दिन में पाटीदार CM, रूपाणी ने दावे को किया खारिज
हाईलाइट
- हार्दिक पटेल के दावे से गुजरात की राजनीति में खलबली।
- हार्दिक पटेल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया है।
- विजय रूपाणी ने हार्दिक पटेल के दावे को मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए फैलाई जा रही अफवाह बताया।
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दावे ने गुजरात की राजनीति में खलबली मचा दी है। हार्दिक पटेल ने गुरुवार को राजकोट में दावा किया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया है और अगले 10 दिन में कोई पाटीदार या क्षत्रिय ही राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभालेगा। हार्दिक पटेल ने अपने दावे में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में प्रदीप सिंह जडेजा और भीकू भाई दलसाणिया के नाम लिए। वहीं विजय रूपाणी ने हार्दिक पटेल के दावे को मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए फैलाई जा रही अफवाह बताया।
सरकार को अस्थिर करने की कोशिश
विजय रूपाणी ने कहा, हार्दिक पटेल झूठ फैला रहे हैं। मीडिया की आंखों में बने रहने के लिए, अब उन्होंने ऐसे झूठ फैलाना शुरू कर दिया है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूं कि उन्हें सिस्टम पता है या नहीं, लेकिन कोई मुख्यमंत्री कैबिनेट में इस्तीफा जमा नहीं करता है। मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा राजभवन में गवर्नर को सोंपना पड़ता है। उन्होंने कहा, ऐसे झूठ कांग्रेस एजेंटों (हार्दिक) द्वारा सरकार को अस्थिर करने के लिए फैलाए जा रहे हैं। मैंने इस्तीफा नहीं दिया है और इसके बारे में कोई सवाल नहीं है। जनता ने हमें पांच वर्षों तक सेवा करने का मौका दिया है और हम इसे पूरी ऊर्जा के साथ करेंगे।
कांग्रेस और उसके एजेंट झूठ फैला रहे हैं
वहीं डेप्यूटी सीएम नितिन पटेल ने कहा, कांग्रेस और उसके एजेंट लगातार झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार में बदलाव का सवाल ही नहीं उठता। हमारी पार्टी और सरकार बड़े समन्वय के साथ काम कर रही है। बता दें कि 2014 में रूपाणी पहली बार राजकोट वेस्ट सीट से विधायक बने, आनंदीबेन पटेल के मंत्रिमंडल में वे कैबिनेट मंत्री थे। फरवरी 2016 में उन्हें गुजरात भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। अगस्त 2016 में विजय रूपाणी पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं, 2017 में उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।