मानव-पशु संघर्ष को बेहतरीन तरीके से सुलझाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

Human-animal conflict should be resolved in the best way: Supreme Court
मानव-पशु संघर्ष को बेहतरीन तरीके से सुलझाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
मानव-पशु संघर्ष को बेहतरीन तरीके से सुलझाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि बिना जानवरों को मारे या फिर बिना फसलों के नुकसान पहुंचे मानव-पशु संघर्ष का एक समाधान खोजना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फसलों को हो रही क्षति को रोकने के लिए बड़ी संख्या में नील गायों को मारने की इजाजत देने पर नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति एस.ए.बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमनियन की पीठ ने राज्य सरकारों और याचिकाकार्ता-बीजू जनता दल के सांसद अनुभव मोहंती से इस समस्या का सामाधान खोजने के लिए कहा।

प्रधान न्यायाधीश ने पाया कि जानवरों को भी नहीं मारा जाना चाहिए और न ही फसलों को क्षति पहुंचनी चाहिए।

पीठ ने कहा, हमें निश्चित ही इसका हल निकालना होगा कि कैसे मानव-पशु संघर्ष और फसलों की क्षति को रोका जाए।

याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य सरकारों ने नील गाय की हत्या की इजाजत दी है, जिसका नतीजा है कि रोज कम से कम 50 जानवरों को मारा जा रहा है। पीठ ने पाया कि इस याचिका को केरल में एक हथिनी की दर्दनाक मौत के मामले की याचिका के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

मोहंती ने शीर्ष अदालत का रूख देश में जंगली जानवरों की हत्या को रुकवाने और जंगली जानवरों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर दिशनिर्देश जारी करने के लिए किया था।

मोहंती की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वन्यजीव क्षेत्रों में इंसानी गतिविधि की वजह से समस्या उत्पन्न हो रही है।

Created On :   30 July 2020 12:01 PM GMT

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