भारत पैंगॉन्ग झील के पास पहली बार रणनीतिक तौर पर चीन पर हावी

India strategically dominates China for the first time near Pangong Lake
भारत पैंगॉन्ग झील के पास पहली बार रणनीतिक तौर पर चीन पर हावी
भारत पैंगॉन्ग झील के पास पहली बार रणनीतिक तौर पर चीन पर हावी
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। इस साल की शुरुआत में लद्दाख में भारत-चीन झड़पों के शुरू होने के बाद पहली बार, भारतीय सेना पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर रणनीतिक स्थानों पर अपना दबदबा बना रही है। चीन ने यथास्थिति को बदलने की मंशा के साथ भारतीय क्षेत्र में ठाकुंग बेस के पास सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है।

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा घुसपैठ के प्रयासों को विफल कर दिया है और इसके बाद पहाड़ की चोटी पर अपनी पकड़ बनाई है, ताकि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र के अंदर आगे नहीं आ सके। यह भारत के लिए रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण एवं लाभकारी स्थान है।

चीन की पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ब्लैक टॉप और हेलमेट के नजदीकी क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ाने के बाद यथास्थिति को बदलने के प्रयास में घुसपैठ की थी। इसके अलावा चीन ने भारतीय क्षेत्र में स्थित ठाकुंग में भारतीय बेस के करीब सैनिकों को जुटाया।

चीनी मंसूबों को देखते हुए, भारत ने रेचिन ला पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जो कि सीमा के पास एलएसी पर रेजांग ला से लगभग 2.5 किलोमीटर से तीन किलोमीटर की दूरी पर है।

भारत ने ठाकुंग में भारतीय बेस के करीब चीनी लामबंदी के बारे में चिंता व्यक्त की है।

चीन ने मंगलवार को भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करने का आरोप लगाया। हालांकि, भारत ने इन दावों का खंडन किया है।

सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए दोनों देशों की सेनाएं बातचीत में लगी हुई हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर लगातार तीन दिनों से मिल रहे हैं।

भारत स्थित चीनी दूतावास ने उल्टा भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अलग-अलग जगहों से अवैध तरीके से सीमा पार की है।

दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने भारत-चीन सीमा स्थिति को लेकर मीडिया को ये जानकारी दी है। उनसे भारतीय सैनिकों के पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर अवैध तरीके से घुसने को लेकर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को भारतीय सैनिकों ने भारत-चीन के बीच बनी सहमति का उल्लंघन किया है।

उन्होंने कहा, भारत ने पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे और पश्चिमी सेक्टर में रेकिन पास के नजदीक सीमा का उल्लंघन किया है। भारत की इस उकसावे भरी कार्रवाई ने सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है। चीन ने भारत से सीमावर्ती सैनिकों को नियंत्रित करने, प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने, अवैध रूप से सीमा पार करने वाले सैनिकों को वापस बुलाने और तनाव बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई को रोकने का आग्रह किया है।

चीनी दूतावास ने ट्वीट करके भी इसकी जानकारी दी है। दूतावास का कहना है, चीन ने औपचारिक तरीके से भारत से सीमावर्ती सैनिकों को नियंत्रित करने का आग्रह किया है।

पैंगॉन्ग त्सो में चीन कुछ समय से यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है। भारत ने चीन से पैंगॉन्ग त्सो से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने को कहा है। लेकिन चीन ने इस पर कोई अमल नहीं किया है।

दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब चार महीने से आमने-सामने हैं। बातचीत के कई स्तर के बावजूद, कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।

एकेके/एएनएम

Created On :   1 Sep 2020 4:30 PM GMT

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