जैन मुनि तरुण सागर महाराज का निधन, तरुणसागरम तीर्थ में हुआ अंतिम संस्कार
- 20 दिनों से चल रहे थे बीमार।
- आज दोपहर 3 बजे होगा अंतिम संस्कार।
- जैन मुनि तरूण सागर महाराज का 51 वर्ष की आयु में निधन।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैन मुनि तरुण सागर का आज तड़के निधन हो गया। मुनिश्री 51 साल के थे। तरुण सागर को 20 दिन पहले पीलिया हुआ था, जिसके कारण वह बहुत कमजोर हो गए थे। उनका जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था। उन्होंने 14 साल की उम्र में दीक्षा ली। मुनि श्री की अंतिम यात्रा आज सुबह दिल्ली के राधेपुरी से तरुणसागरम तीर्थ तक निकली। उनकी अंतिम यात्रा करीब 28 किलोमीटर की रही। कुछ ही देर में मुनि श्री का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Jain Muni Tarun Sagar passed away this morning in Delhi. He was 51 years old. pic.twitter.com/xLn14g569u
— ANI (@ANI) September 1, 2018
Deeply pained by the untimely demise of Muni Tarun Sagar Ji Maharaj. We will always remember him for his rich ideals, compassion and contribution to society. His noble teachings will continue inspiring people. My thoughts are with the Jain community and his countless disciples. pic.twitter.com/lodXhHNpVK
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2018
जैन मुनि तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर थे। उन्हें राष्ट्रीय क्रांतिकारी संत भी कहा जाता था। कड़वे वचन नाम से उनकी कई किताबें प्रकाशित की गईं। बता दें कि 20 दिन पहले उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके कारण वह बहुत कमजोर हो गए थे। पिछले दो दिनों से बीमार चल रहे तरुण सागर को डॉक्टरों ने अपनी निगरानी में रखा था। उन्हें जिस कमरे में रखा गया था, वहां पर सिर्फ जैन मुनियों और शिष्यों के अलावा किसी और को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। तरुण सागर जी महाराज इस समय दिल्ली में चातुर्मास स्थल पर थे। दो दिन पहले गुरुवार की सुबह उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था। वहां शाम डॉक्टरों की निगरानी में उनकी सेहत में थोड़ा सुधार हुआ था। उस शाम भी कई संत उनसे मुलाकात को पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक 20 दिन पहले मुनिश्री को पीलिया हुआ था लेकिन दवाइयों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद ही उन्होंने इलाज बंद करा दिया था और चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया था।
जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 1, 2018
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ""जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ।वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.""। मुनि श्री के निधन की खबर मिलने के बाद से उनके प्रवास स्थल पर दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु जुटने लगे हैं। गौरतलब है कि उनके अनुयायियों की संख्या देश-विदेश में काफी ज्यादा है। दिगंबर जैन महासभा के अध्यक्ष निर्मल सेठी ने बताया कि मुनिश्री तरुण सागर को देखने पांच जैन संत दिल्ली पहुंच रहे हैं। इनमें सौभाग्य सागर महाराज शामिल हैं। पुष्पदंत सागर महाराज जो उनके गुरु बताए जाते हैं उन्होंने मुनिश्री की तबीयत खराब होने के संबंध में एक वीडियो मैसेज जारी किया था। वीडियो मैसेज के जरिए उन्होंने महाराज का समाधि महोत्सव मनाने की अपील की है।
Created On :   1 Sept 2018 7:49 AM IST