- PM बोले- कश्मीर में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव
- उमर परिसीमन से सहमत नहीं
- महबूबा ने कहा- पाकिस्तान से भी बात हो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 8 दलों के 14 नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर पर करीब 3 घंटे बैठक की। बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा, हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे।
क्या कहा पीएम मोदी ने?
पीएम ने कहा, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम ने कहा, हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को विशेष रूप से युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना होगा।
कौन-कौन हुआ बैठक में शामिल?
पीएम के साथ बैठक में 8 दलों के 14 नेता शामिल हुए। नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती, बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी, जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी शामिल हुए। इनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे।
क्या कहा गृहमंत्री अमित शाह ने?
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक के बाद कहा, जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक अच्छे माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर के सभी जगह विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, परिसीमन अभ्यास और शांतिपूर्ण चुनाव राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं जैसा की संसद में वादा किया गया है।
क्या कहा महबूबा मुफ्ती ने?
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। मैंने पीएम से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं। मुफ्ती ने कहा, मैंने बैठक में प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और कहा कि आपने पाकिस्तान से बात कर सीज़फायर करवाया। घुसपैठ कम हुई यह अच्छी बात है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने पर सुकून मिलता है तो आपको पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।
क्या कहा एनसीपी नेता उमर अब्दुल्ला ने?
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि हमने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को ख़त्म करने के फ़ैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे। उमर ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल की दूरी कम करना चाहते हैं, लेकिन एक मुलाकात से न दिल की दूरी कम होती है और न दिल्ली की दूरी कम होती है। एक मीटिंग में इस बात की उम्मीद करना गलतफहमी होगी। उन्होंने कहा, लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्ज़ा दिया जाए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में कहा कि हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा जल्द से जल्द मिले और वहां पर चुनाव भी जल्द से जल्द करवाए जाएं।
क्या कहा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने?
बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ़ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
कांग्रेस की पांच मांगे:
1. जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्दी दिया जाना चाहिए। सदन के अंदर गृहमंत्री जी ने हमें आश्वासन दिया था कि राज्य का दर्जा वक्त आने पर बहाल किया जाएगा। हमने तर्क दिया कि अभी शांति है तो इससे ज्यादा अनुकूल वक्त नहीं हो सकता।
2. आप लोकतंत्र की मजबूती की बात करते हैं। पंचायत और जिला परिषद के चुनाव हुए हैं और ऐसे में विधानसभा के चुनाव भी तुरंत होने चाहिए।
3. केंद्र सरकार गारंटी दे कि हमारी जमीन की गारंटी और रोजगार की सुविधा हमारे पास रहे।
4. कश्मीरी पंडित पिछले 30 साल से बाहर हैं, जम्मू-कश्मीर के हर दल की जिम्मेदारी है कि उन्हें वापस लाया जाए और उनका पुनर्वास कराया जाए।
5. 5 अगस्त को राज्य के दो हिस्से किए थे। हमने इसका विरोध जताया।
क्या कहा जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने?
अल्ताफ बुखारी ने कहा, आज अच्छे माहौल में वार्ता हुई। सभी ने विस्तार से अपनी बात रखी है। पीएम और गृहमंत्री ने सबकी बाते सुनी। पीएम ने कहा कि डिलिमिटेशन की प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा, 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती। दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी।
क्या कहा बीजेपी नेता रविंदर रैना ने?
जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को विश्वास दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे। जम्मू-कश्मीर की मजबूती और जनता की भलाई के लिए हर कार्य किया जाएगा जिससे लोगों का भला हो। वहीं भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा, 370 जो हट गया है वो वापस आ जाए ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए।
क्या कहा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने?
जितेंद्र सिंह ने कहा, बैठक में PM ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचे इसके लिए साझेदारी हो। विधानसभा चुनाव के लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा, डिलिमिटेशन की प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो इसको लेकर बैठक में बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई। बैठक में PM ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों को साथ चलना होगा
Created On :   24 Jun 2021 9:24 PM IST