सीएए के तहत नागरिकता मिलने में क्यों हो रही देरी, जानिए वजह?

Know why there is a delay in getting citizenship under CAA
सीएए के तहत नागरिकता मिलने में क्यों हो रही देरी, जानिए वजह?
सीएए के तहत नागरिकता मिलने में क्यों हो रही देरी, जानिए वजह?
हाईलाइट
  • सीएए के तहत नागरिकता मिलने में क्यों हो रही देरी
  • जानिए वजह? (एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनने के दो महीने बाद भी अब तक सामान्य तरीके से नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। वजह यह कि अभी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नए आवेदनपत्र का खाका ही नहीं तय हो पाया है। गृह मंत्रालय फिलहाल ऑनलाइन मौजूद नागरिकता अधिनियम 1955 वाले पुराने आवेदन पत्र में जरूरी बदलाव करने में जुटा है।

सूत्रों का कहना है कि आवेदन के प्रारूप में बदलाव के बाद अप्रैल-मई से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल सकेगी। हालांकि यहा बताना जरूरी है कि गृह मंत्रालय 20 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान से आए सात शरणार्थियों को नागरिकता देकर अधिनियम को प्रतीकात्मक रूप से लागू कर चुका है।

इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने आईएएनएस को बताया, इस संबंध में गृह राज्यमंत्री और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत हुई है। प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए गृह मंत्रालय तैयारियां कर रहा है। पता चला है कि ऑनलाइन आवेदन के प्रोफॉर्मा में कुछ जरूरी बदलाव किए जाने हैं। ये बदलाव पूरे होने के बाद ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे।

भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साहसिक कदम से ही सीएए बना और उम्मीद है कि जल्द ही नागरिकता मिलने की बाट जोह रहे अत्याचार के शिकार पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यकों की मुराद पूरी हो सकेगी।

इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ऐसे शख्स हैं, जो पड़ोसी देशों से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यकों की लंबी लड़ाई लड़ने के लिए जाने जाते हैं। शंकर लालवानी का परिवार भी बंटवारे के समय पाकिस्तान के सिंध से आकर मध्य प्रदेश के इंदौर बसा था।

बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 वह कानून है जिसके जरिए 1955 के नागरिकता कानून में संशोधन कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था है।

नागरिकता उन्हीं अल्पसंख्यकों को मिलेगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हैं। खास बात है कि सीएए के तहत केवल पांच वर्ष तक भारत में रहने पर ही नागरिकता देने का प्रावधान है, जबकि पुराने कानून के तहत यह अवधि कम से कम 11 वर्ष थी।

लोकसभा ने 10 दिसंबर को तो राज्यसभा ने 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन बिल को पास किया था। वहीं 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद से यह कानून बन गया। सरकार ने 20 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान से आए सात शरणार्थियों को नागरिकता देकर इस अधिनियम को लागू किया। हालांकि सामान्य प्रक्रिया से आवेदन की शुरुआत होनी बाकी है।

 

Created On :   4 March 2020 11:30 PM IST

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