ममता, नीतीश और उद्धव ठाकरे ने प्रवासियों को घर पहुंचाने के मुद्दे पर चर्चा की

Mamta, Nitish and Uddhav Thackeray discuss the issue of transporting migrants home
ममता, नीतीश और उद्धव ठाकरे ने प्रवासियों को घर पहुंचाने के मुद्दे पर चर्चा की
ममता, नीतीश और उद्धव ठाकरे ने प्रवासियों को घर पहुंचाने के मुद्दे पर चर्चा की

मुंबई, 16 मई (आईएएनएस)। मुंबई से शनिवार को कम से कम दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन, एक कोलकाता और एक पटना के लिए रवाना हुई, जिनमें बिहार और पश्चिम बंगाल के हजारों फंसे प्रवासी सवार हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने समकक्षों - बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से बात की।

इसके अलावा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी नीतीश कुमार और बनर्जी को फोन किया, जिससे उन राज्यों से प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुचाया जा सके।

गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पहली विशेष सेवा शनिवार सुबह मुंबई से हावड़ा, कोलकाता के लिए रवाना हुई, जबकि एक विशेष ट्रेन कल्याण (ठाणे) से गया (बिहार) के लिए रवाना हुई।

देशमुख ने कहा कि अब रोजाना कम से कम 10 और स्पेशल ट्रेनें चलाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले एक सप्ताह में लगभग 245,000 प्रवासियों को 191 विशेष ट्रेनों में घर भेजा गया है।

सीएम ने 54.75 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासी बिना किसी वित्तीय बोझ के घर पहुंच सकें।

ठाकरे ने राज्यभर के प्रवासियों से बार-बार अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें, राज्य अपने प्राथमिकता के आधार पर गृह राज्यों में उनकी वापसी सुनिश्चित करने की व्यवस्था कर रही हैं।

भारतीय रेलवे यहां महाराष्ट्र से प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिदिन लगभग 25 विशेष ट्रेनों का परिचालन कर रहा है।

विशेष ट्रेन सेवाओं को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और जम्मू में संचालित किया गया है।

महाराष्ट्र, खासतौर से मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर और अन्य जिलों में प्रवासियों की सबसे बड़ी समस्या से जूझ रहा है, जो 24 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद से लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

लॉकडाउन के कारण, सर्वाजनिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे कई प्रवासी हताश हो गए हैं। वे ऑटोरिक्शा, टैक्सियों, दोपहिया या साइकिल और हजारों किलोमीटर तक पैदल चलने या ड्राइव करने का विकल्प चुन रहे हैं।

Created On :   16 May 2020 4:00 PM GMT

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