मणिशंकर बोले- कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए हुर्रियत को भी वार्ता में शामिल किया जाए
- कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को हाल ही में दोबारा पार्टी में शामिल किया गया है।
- मणिशंकर अय्यर ने कश्मीर विवाद को खत्म करने के लिए हुर्रियत को भी सभी वार्ता में शामिल किेए जाने की वकालत की है।
- मणिशंकर अय्यर ने कहा
- अगर मैं यहां आ रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं कश्मीरियों को अपना समझता हूं।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को 8 महीनों के निलंबन के बाद हाल ही में दोबारा पार्टी में शामिल किया गया है। पार्टी में शामिल होते ही उन्होंने कश्मीर विवाद को खत्म करने के लिए हुर्रियत को भी सभी वार्ता में शामिल किेए जाने की वकालत की है। मणिशंकर अय्यर इन दिनों कश्मीर में है, जहां उन्होंने यह बयान दिया है। बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी ने मणिशंकर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
#WATCH: Mani Shankar Aiyar in Srinagar says "Hurriyat should be included in all dialogues too". #JammuAndKashmir pic.twitter.com/j5xrwtYM9l
— ANI (@ANI) August 25, 2018
मणिशंकर अय्यर ने कहा, "अगर मैं यहां आ रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं कश्मीरियों को अपना समझता हूं। अगर कोई हमसे अलग होना चाहता है तो हमें उससे भी बात करनी चाहिए। मैं बहुत सारे कश्मीरियों को जानता हूं जो भारत के साथ रहना चाहते हैं। पिछली बार जब हम लोग यहां आए थे तो हमने हुर्रियत को भी न्योता भेजा था और बांदे साहब आए भी थे। फिर उन सब से मुलाकात की जो मिलना चाहते थे।
If I am coming here it means I consider Kashmiris as one of my own myself as one of theirs. If someone wants to separate then we should talk to them too. Dialogues should be held with everyone. I know several Kashmiris who want to be with India: Mani Shankar Aiyar in Srinagar pic.twitter.com/WK8c3BvQAv
— ANI (@ANI) August 25, 2018
उन्होंने कहा, "इस दौरान कई लोग नहीं आ पाए थे, क्योंकि सबको तो कैद करके रखा गया था। हालांकि, मैं यासीन मलिक से नहीं मिल पाया था। इस बार मैं आया तो मैंने एक दोस्त के माध्यम से यासीन मलिक से मिलने के लिए संपर्क किया, उनकी ओर से जवाब आया कि वह दिल्ली में मिलेंगे, यहां नहीं। मैं मानता हूं कि बाकियों की तरह हुर्रियत को भी बातचीत का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।"
Created On :   25 Aug 2018 9:22 PM IST