दैनिक भास्कर हिंदी: जमात-ए-इस्लामी बैन के विरोध में मुफ्ती सड़क पर, तत्काल प्रतिबंध हटाने की मांग

March 7th, 2019

हाईलाइट

  • महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी संगठन को बैन किए जाने के विरोध में अनंतनाग में प्रदर्शन किया।
  • मुफ्ती ने संगठन के बुजुर्ग सदस्यों की तत्काल रिहाई की मांग की।
  • महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटा दिया जाए।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी संगठन को बैन किए जाने के विरोध में अनंतनाग में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जमात-ए-इस्लामी को गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की और संगठन के बुजुर्ग सदस्यों की तत्काल रिहाई की मांग की। मुफ्ती ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो इस आंदोलन को तेज किया जाएगा।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटा दिया जाए। हम अब जिला स्तर पर जाएंगे, फिर हम हर क्षेत्र में जाएंगे।' मुफ्ती ने कहा कि 'जब तक केंद्र सरकार जमात-ए-इस्लामी संगठन पर से प्रतिबंध नहीं हटाता और संगठन के सदस्यों को रिहा नहीं करता, तब तक हम कश्मीर घाटी के हर नुक्कड़ पर इसका विरोध करेंगे और पार्टी इस आंदोलन को जारी रखेगी।' इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बैन की कार्रवाई को दमनात्मक कार्रवाई बताया था। उन्होंने कहा था जमात-ए-इस्लामी को लेकर भारत सरकार इतनी असहज क्यों है?

 

 

बता दें कि जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामिक राजनीतिक पार्टी है, जिसकी स्थापना 1941 में इस्लामी विचारक मौलाना अबुल आला मौदूदी ने खुदा की सल्तनत स्थापित करने के मकसद से की थी। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 3 के तहत इस संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। बैन लगाने के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है और यह संगठन लोगों के बीच घृणा पैदा करने का इरादा रखता है।

बैन के बाद कश्मीर में संगठन से जुड़ी कई सम्पत्तियों को सील कर दिया था। दक्षिणी कश्मीर के कई स्थानों पर छापे मारकर सुरक्षाबलों ने संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया था। अब तक इस संगठन के 350 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा चुका है।