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दैनिक भास्कर हिंदी: जमात-ए-इस्लामी बैन के विरोध में मुफ्ती सड़क पर, तत्काल प्रतिबंध हटाने की मांग
हाईलाइट
- महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी संगठन को बैन किए जाने के विरोध में अनंतनाग में प्रदर्शन किया।
- मुफ्ती ने संगठन के बुजुर्ग सदस्यों की तत्काल रिहाई की मांग की।
- महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटा दिया जाए।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी संगठन को बैन किए जाने के विरोध में अनंतनाग में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जमात-ए-इस्लामी को गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की और संगठन के बुजुर्ग सदस्यों की तत्काल रिहाई की मांग की। मुफ्ती ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो इस आंदोलन को तेज किया जाएगा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हम चाहते हैं कि जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटा दिया जाए। हम अब जिला स्तर पर जाएंगे, फिर हम हर क्षेत्र में जाएंगे।' मुफ्ती ने कहा कि 'जब तक केंद्र सरकार जमात-ए-इस्लामी संगठन पर से प्रतिबंध नहीं हटाता और संगठन के सदस्यों को रिहा नहीं करता, तब तक हम कश्मीर घाटी के हर नुक्कड़ पर इसका विरोध करेंगे और पार्टी इस आंदोलन को जारी रखेगी।' इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बैन की कार्रवाई को दमनात्मक कार्रवाई बताया था। उन्होंने कहा था जमात-ए-इस्लामी को लेकर भारत सरकार इतनी असहज क्यों है?
J&K: Former J&K CM & PDP Chief Mehbooba Mufti holds protest in Anantnag against the ban on Jamaat-e-Islami, says, "We want that the ban must be lifted. We'll go to district level now, then we will go to every segment. Elderly people who have been arrested must be released." pic.twitter.com/pPmwgLpydb
— ANI (@ANI) March 6, 2019
बता दें कि जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामिक राजनीतिक पार्टी है, जिसकी स्थापना 1941 में इस्लामी विचारक मौलाना अबुल आला मौदूदी ने खुदा की सल्तनत स्थापित करने के मकसद से की थी। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 3 के तहत इस संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। बैन लगाने के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि जमात-ए-इस्लामी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है और यह संगठन लोगों के बीच घृणा पैदा करने का इरादा रखता है।
बैन के बाद कश्मीर में संगठन से जुड़ी कई सम्पत्तियों को सील कर दिया था। दक्षिणी कश्मीर के कई स्थानों पर छापे मारकर सुरक्षाबलों ने संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया था। अब तक इस संगठन के 350 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा चुका है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।