मप्र: आपदा को अवसर में बदलकर बना दी नक्षत्र वाटिका

MP: Constellation garden turned disaster into opportunity
मप्र: आपदा को अवसर में बदलकर बना दी नक्षत्र वाटिका
मप्र: आपदा को अवसर में बदलकर बना दी नक्षत्र वाटिका

बैतूल/भोपाल, 23 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोना काल लोगों के लिए मुसीबत बनकर आया है, रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। इन हालातों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा को अवसर में बदलने का आव्हान किया तो उसके लिए प्रयासों का दौर भी चल पड़ा। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आपदा को अवसर में बदलने का नया उदाहरण सामने आया हैं। यहां मजदूरों को काम तो मिला ही साथ में इन लोगों ने पर्यावरण और धार्मिक मान्यताओं को पूरा करने के लिए एक नक्षत्र वाटिका ही बना डाली।

बैतूल जिले की ग्राम पचायत है कान्हावाड़ी। इसे क्षेत्रीय सांसद डी.डी. उइके ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है। केारोना महामारी के संक्रमण के कारण लोगों के लिए रोजगार देना चुनौती बन गया है। यहां चार सौ परिवारों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया था, वहीं 13 श्रमिक अन्य क्षेत्रों से अपने गांव को लौटे थे। इन परिवारों को काम मिल जाए इसके लिए ग्राम पंचायत ने औषधियों और पोषण से जुड़े पेड़ पौधे लगाने का अभियान शुरू किया और नक्षत्र वाटिका विकसित करने की दिशा में आगे बढ चले।

घोड़ा डोंगरी के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दानिश अहमद खान बताते हैं कि कान्हावाड़ी में नवाचार के तहत नक्षत्र वाटिका स्वीकृत की गई जिसे मनरेगा और 14वें वित्त आयोग से जोड़ा गया। वाटिका में 27 नक्षत्र, 12 राशि और नौ ग्रहों की दिशा के अनुरूप नक्षत्र, राशि और ग्रहों के सूचक पौधे रोपे गए हैं। वाटिका में एक्युप्रेशर ट्रैक, पाथ वे, सात प्रकार की तुलसी के पौधों का तुलसी कानन बनाया गया है। औषधि कानन और पोषण वाटिका भी इसी परिसर का हिस्सा है।

बताया गया है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए की गई पूर्णबंदी की अवधि में कान्हावाड़ी में 534 लोगों को मनरेगा के तहत कार्य प्रदान कर 19 हजार 945 मानव दिवस सृजित किए गए। नक्षत्र वाटिका को विकसित करने में मुख्य रुप से गांव की महिलाओं ने मिस्त्री का काम किया।

पूर्णबंदी के दौरान रोजगार की समस्या सामने थी, कांति देवी बताती हैं कि गांव की महिलाओं को पंचायत में ही काम मिलने से किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

विद्या-भारती के मोहन नागर बताते हैं कि यह नक्षत्र वाटिका जहां पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है तो वहीं इसे धार्मिक मान्यताओं से भी जोड़ा गया है। हमारे यहां हर राशि के अनुसार पेड़-पैाधों, नक्षत्र व ग्रह की पूजा का प्रावधान है, नक्षत्र और ग्रह तो आकाश में है, धरती पर लोग अपनी मान्यता और आस्था को पूरा करने, उनकी पूजा और आराधना कर सकें, इसमें यह वाटिका मददगार साबित हेागी।

नक्षत्र वाटिका को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कांति देवी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया तो वे भी इस काम की तारीफ करने से पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि वे खुद यह अनूठी और अद्भुत पहल को देखेंगे क्योंकि आपदा को अवसर में बदलने का ये सटीक प्रमाण है।

ज्ञात हो कि कोविड-19 के कारण सभी के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहा है। राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के कारण अपने गृह ग्रामों में लौटे और स्थानीय श्रमिकों को राहत देने के लिये काम के अवसर सृजित करना जरूरी था। इसको ध्यान में रखकर गांव-गांव में कार्य आरंभ किए गए। प्रदेश में सात लाख 81 हजार कार्य आरंभ कर 79 लाख 80 हजार श्रमिकों को रोजगार दिलाया गया। इन कार्यों ने मजदूरों को आजीविका तो दी ही, साथ ही प्रदेश में सृजन का नया अध्याय आरंभ कर दिया।

एसएनपी-एसकेपी

Created On :   23 Aug 2020 1:30 PM IST

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