रिद्धि-सिद्धि संग विराजे गणपति बप्पा अपने गांव चले 

Order of immersion of Lord Ganesha has started ,devotees are offering farewell to Lord Ganesha
रिद्धि-सिद्धि संग विराजे गणपति बप्पा अपने गांव चले 
रिद्धि-सिद्धि संग विराजे गणपति बप्पा अपने गांव चले 
हाईलाइट
  • भगवान गणेश के विसर्जन का क्रम शुरू
  • लालबाग के राजा रहे आकर्षण का केंद्र
  • विशेष सुरक्षा के बीच धूमधाम से हो रहा विसर्जन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विगत 11 दिनों से देशभर में गणेश उत्सव की धूम है, रविवार से भगवान गणेश के विसर्जन का क्रम शुरू हो गया है। घर-घर विराजे गणनायक को उनके भक्त भावभीनी विदाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है खासकर मुंबई में गणेश उत्सव की विशेष धूम रहती है। 

लालबाग के राजा रहे आकर्षण का केंद्र
देश-विदेश में प्रसिद्ध लालबाग के राजा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आकर्षण का केंद्र रहे। सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन समते कई दिग्गज हस्तियों ने लालबाग के राजा के दर्शन किए। इस वर्ष लाल बाग के राजा की 22 फुट उंची प्रतिमा स्थापित की गई थी। अब कड़ी सुरक्षा के बीच लाल बाग के राजा को विदाई दी जा रही है।

विशेष सुरक्षा के बीच धूमधाम से विसर्जन
जितनी धूमधाम से 10 दिन गणेश उत्सव मनाया जाता है उससे कही अधिक उत्साह के साथ भक्त विघ्नहर्ता को विदाई देते हैं। रविवार को विसर्जन में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं, सुरक्षा में 50,000 पुलिस के जवानों समेत 4500 ट्रैफिक पुलिस के जवान व अन्य सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। 

ऐसे करें विसर्जन 
एक स्वच्छ पटा या चोकी लें। उसे गंगाजल या गौमूत्र से पवित्र करें। घर की कोई शुद्ध स्त्री उस पर स्वास्तिक बनाएं। उस पर अक्षत रखें फिर उस पर एक पीला, गुलाबी या लाल सुसज्जित वस्त्र बिछाएं। इस पर गुलाब की पंखुरियां बिखेरें। साथ में पटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें। अब श्री गणेश को उनके जयघोष के साथ स्थापना वाले स्थान से उठाएं और इस पटे पर विराजित करें। पटे पर विराजित करने के उपरांत उनके साथ फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक रखें। एक छोटी लकड़ी लें। उस पर चावल, गेहूं और पंच मेवा की पोटली बनाकर बांधें और यथाशक्ति दक्षिणा (सिक्के) रखें। मान्यता है कि मार्ग में उन्हें किसी भी प्रकार के कष्टों का सामना न करना पड़े। इसलिए जैसे पुराने समय में घर से निकलते समय जो भी यात्रा के लिए तैयारी की जाती थी वैसी श्री गणेश जी की विदाई के समय की जानी चाहिए।

 

 

Created On :   23 Sept 2018 11:58 AM IST

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