लंदन: 'भारत की बात सबके साथ', PM मोदी की खास बातें
डिजिटल डेस्क, लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 5 दिन की विदेश यात्रा के दूसरे पड़ाव में बुधवार को ब्रिटेन पहुंचे। बुधवार को उनकी मुलाकात ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से हुई। बुधवार रात को पीएम मोदी ने लंदन के वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में "भारत की बात, सबके साथ" कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में दो हजार भारतीय शामिल थे।
"भारत की बात, सबके साथ" में PM मोदी की बड़ी बातें...
- इतिहास में नाम अंकित करना मेरा लक्ष्य नहीं, मैं उसी तरह जैसे मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी
- मैं इतिहास में अमर होना नहीं चाहता हूं, दुनिया देखे तो मेरे देश को देखे
- मैं आलोचना को महत्व देता हूं
- बिना फैक्ट्स चेक किए आलोचना ने आरोप का रूप ले लिया है
- भारत आंख झुकाकर या आंख उठाकर नहीं बल्कि आंख मिलाकर बात करने में विश्वास करता है
- भारत दुनिया में ट्रेंड सेट कर रहा है
- हमने रोहिंग्यायों के लिए बांग्लादेश में राशन भिजवाया, म्यांमार में संकटग्रस्त इलाके के विकास का जिम्मा उठाया
- प्रिंस चार्ल्स ने मुझे खुद आकर कॉमनवेल्थ की बैठक में आने का निमंत्रण दिया, यह मेरा नहीं भारत का दुनिया में स्थान दिखाता है
- मुझे भारत की संस्कृति और जीवन पर पूरा भरोसा
- आजादी के 70 साल तक कोई पीएम इजरायल क्यों नहीं गए
- आज हम आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के युग में जी रहे हैं और हम टेक्नॉलजी से अलग नहीं रह सकते
- एजुकेशन और हेल्थ के सेक्टर में भारत में डिजिटल रिवॉलूशन की आवश्यकता
- हम एक ऐसा इको-सिस्टम बना रहे हैं जहां सभी के लिए अवसर हो
- हमने सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध करवाई
- देश में 1000 से ज्यादा नए अच्छे अस्पताल बनने की संभावना पैदा हुई
- भगवान बसवेश्वर ने 12वीं सदी में लोकतंत्र के लिए जीवन लगाया
- गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मिले सारे गिफ्ट्स की नीलामी कराकर बच्चियों की शिक्षा के लिए दान दिया
- चाहे कोई पैरामीटर हो, देश के लिए अच्छा करने में हमने कोई कमी नहीं रखी है
- आज हम किसान कल्याण के लिए काम कर रहे हैं चाहे वो 2022 तक कृषि से होने वाली आय को दोगुनी करनी हो, यूरिया की आसान उपलब्धता हो या यूरिया की नीम-कोटिंग हो, हम एक निश्चित लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं
- कर्नाटक के संत बसवेश्वर का नाम शायद बहुत लोगों ने पहली बार सुना है
- स्टेंट की कीमतों को काफी हद तक कम किया
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में लोगों को बिना गारंटी के पैसे मिल रहे हैं,11 करोड़ लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया
- 12वीं सदी में अनुभव मंडपम नाम की लोकतांत्रिक संस्था का गठन संत बसवेश्वर ने किया, उसमें एक महिला प्रतिनिधि भी होती थी
- मोदी केयर से गरीबों को अच्छा इलाज मिलेगा
- मुझे किताब पढ़कर गरीबी को समझने की जरूरत नहीं, मैं यह सब देखकर आया हूं
- रेप समाज की एक कुरीति
- देश में हो रही रेप की घटनाओं पर पीएम मोदी का बयान, बेटियों से नहीं बेटों से सवाल पूछें।
- अगर देश में लाखों समस्याएं तो करोड़ों समाधान भी
- मैं गलतियां कर सकता हूं, लेकिन गलत इरादे से कभी गलती नहीं करूंगा
- मैं विकास को जन आंदोलन बना रहा हूं
- लोग मुझपर पत्थर फेंकते हैं, मैं उनसे ही रास्ता बनाकर चल लेता हूं
- नोटबंदी के बाद देश के सभी नागरिक ईमानदारी के लिए कष्ट झेलने को तैयार थे
- करीब 18000 गांवों में पहली बार बिजली पहुंचाने का काम किया गया
- मैं आपके जैसा सामान्य नागरिक
- मेरा कठोर परिश्रम मेरी पूंजी
- हमने गांव-गांव में बिजली पहुंचाई अब घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना
- देश की महिलाओं को शौचालय जाने के लिए रात होने का इंतजार करना पड़ता था, यह पीड़ा मुझसे देखी नहीं जाती थी
- सरकार की नीतियां समाज के आखिरी छोर के व्यक्ति को ध्यान में रखकर बननी चाहिए
- जब कोई आतंकवाद का इस्तेमाल करता हो, युद्ध लड़ने की ताकत ना हो और पीठ पर वार करता हो तो मैं उसी भाषा में जवाब देना जानता हूं
- भारत का चरित्र अजेय रहने का है, लेकिन किसी के हक को छीनना भारत का चरित्र नहीं है
- सर्जिकल स्ट्राइक का भारत का हजारों साल पुराना इतिहास
- देश में मेरी अपील के बाद सवा करोड़ लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी
- सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों को पीएम का जवाब, "भगवान सबको सद्बुद्धि दें"
- पाकिस्तान को हमने सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी, उसके बाद मीडिया को जानकारी दी गई
- पूरी तरह से प्लान के हिसाब से हुई सर्जिकल स्ट्राइक
- 40 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने रेल यात्रा में छूट का लाभ देश के लिए खुद से छोड़ा
- लोकतंत्र में जनता को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की जरूरत
- जनता की वजह से मैं आज में लंदन के रॉयल पैलेस में हाथ मिलाने के काबिल हुआ
- भारत के लोकतंत्र की वजह से मैं यहां तक पहुंचा
- रेलवे स्टेशन से जीवन के सफर की शुरुआत, मुझे रेल की पटरियों ने जिंदगी दूसरों के लिए जीना सिखाया
- महात्मा गांधी ने देश के सामान्य से सामान्य लोगों को जोड़ा
- देश को अपना समझकर काम करने की जरूरत
- विकास भी एक जन आंदोलन बनना चाहिए
- हर उम्र में, हर वक्त कुछ नया पाने की कोशिश जीवन को गति देती है। इसलिए जीवन में बेसब्री जरूरी
- अगर नीति स्पष्ट हो, इरादे नेक हो और सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय पर काम हो तो निराशा नहीं होती
- मैं "सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय" के रास्ते पर चलता हूं, इसलिए मुझे कभी निराशा नहीं होती है
- जिस दिन मेरी बेसब्री खत्म उस दिन मैं देश के काम नहीं आऊंगा
- मैं देश के लिए काम करता हूं इसलिए देशवासियों को मुझसे अपेक्षा
- आज के वक्त में लोगों को ज्यादा विकास चाहिए, लोगों के मन में बेसब्री
Greeting the Indian community outside the Hotel as PM @narendramodi begins his bilateral visit to the United Kingdom with a breakfast meeting with the @theresa_may @10DowningStreet. Number of engagements lined up during the day. pic.twitter.com/YSzme9qmTO
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) April 18, 2018
Prime Minister @narendramodi reached London, where he will take part in the @Commonwealth18, hold talks with PM @theresa_may and attend various programmes. He was welcomed by @BorisJohnson, UK"s Foreign Secretary. pic.twitter.com/kGGcoBYLzF
— PMO India (@PMOIndia) April 18, 2018
बता दें कि नरेंद्र मोदी, महात्मा गांधी के बाद पहले भारतीय हैं, जो लंदन के वेस्टमिंस्टल हॉल में किसी कार्यक्रम को संबोधित किया। महात्मा गांधी ने 1931 में इस हॉल में संबोधित किया था, उस समय इसे मैथोडिस्ट सेंट्रल हॉल के नाम से जाना जाता था।
बुधवार तड़के सुबह 4 बजे प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन पहुंचे, जहां उनका स्वागत ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने किया। इसके बाद उन्होंने ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से मुलाकात की। इसके साथ ही लंदन में होने वाली कॉमनवेल्थ समिट में भी हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि कॉमनवेल्थ समिट में आने वाले 52 देशों के प्रमुखों में से मोदी अकेले प्रधानमंत्री होंगे, जिन्हें वहां लिमोजीन कार से सफर करने की इजाजत होगी। जबकि बाकी देशों के नेता इस समिट के दौरान बस से सफर करेंगे। बताया जा रहा है कि 2009 के बाद से कॉमनवेल्थ समिट में हिस्सा लेने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय पीएम होंगे।
पैगंबर मुहम्मद की वंशज हैं ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ : रिपोर्ट
लंदन में भारतीय समय के मुताबिक पीएम मोदी का क्या है कार्यक्रम?
- दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक : 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रेकफास्ट पर मोदी और ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे के बीच मुलाकात होगी।
- दोपहर 3:30 बजे से 3:45 बजे तक : साइंस म्यूजियम में साइंस एग्जिबिशन का दौरा करेंगे। एग्जिबिशन में भारत की साइंस और इनोवेशन की 5 हजार साल की जर्नी को दिखाया जाएगा।
- दोपहर 3:45 बजे से 4:15 बजे तक : साइंस म्यूजियम में लिविंग ब्रिज थीम्ड रिसेप्शन होगा।
- दोपहर 4:30 बजे से 4:35 बजे तक : 12वीं सदी के लिंगायतों के धर्मगुरू और समाज सुधारक बसवेश्वर की प्रतिमा पर टेम्स नदी के किनारे श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
- शाम 6 बजे से 7:10 बजे तक : रिसर्च लैब्स का दौरा, इंडिया-ब्रिटेन सीईओ फोरम की मीटिंग और इंडिया-यूके साइंस और टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन का एग्जिबिशन देखेंगे।
- रात 8:30 बजे : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II से मुलाकात करेंगे।
- रात 9:00 बजे : भारत की बात, सबके साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
- रात 12:30 बजे : ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे की तरफ से कॉमनवेल्थ देशों के नेताओं के लिए आयोजित डिनर में शामिल होंगे।
स्वीडन में इंडिया-नॉर्डिक समिट में हुए शामिल
इससे पहले स्वीडन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया-नॉर्डिक समिट में भी हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने डेनमार्क के प्रधानमंत्री लार्स लोक्के रास्मुसेन, फिनलैंड के प्रधानमंत्री जुहा सिपिला, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कार्टिन जैकोब्स्डोटिर और नॉर्वे की प्रधानमंत्री एरना सोल्बर्ग से अलग-अलग बायलेटरल मीटिंग की। इसके साथ ही भारत-डेनमार्क के बीच 5 करार हुए। इनमें स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट, पशुपालन-डेयरी, खाद्य संरक्षण और कृषि शिक्षा-अनुसंधान शामिल हैं। इसके अलावा भारत और आइसलैंड के बीच आइसलैंड यूनिवर्सिटी में हिंदी की शिक्षण पीठ की स्थापना को लेकर करार हुआ है।
Created On :   18 April 2018 9:25 AM IST