- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- Pranab Mukherjee's 82nd Birthday today, know his Political Career
दैनिक भास्कर हिंदी: बंगाल के 'पोल्टू' से भारत के राष्ट्रपति बनने तक का सफर...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी सोमवार को 82 साल के हो गए हैं। 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम के मिराती गांव में जन्मे प्रणब मुखर्जी का राजनैतिक करियर 1969 में शुरू हुआ था। उनको कांग्रेस का 'संकटमोचक' भी कहा जाता था । राष्ट्रपति के साथ-साथ प्रणब मुखर्जी कांग्रेस सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर भी रह चुके हैं। प्रणब दा बेहद ही सहज और सरल स्वभाव के हैं। यही वजह है कि उनके विरोधी भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।
बचपन में पोल्टू कहकर बुलाते थे लोग
इस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैंं कि भारत के राष्ट्रपति रह चुके प्रणब मुखर्जी को बचपन में लोग 'पोल्टू' नाम से बुलाते थे। बताया जाता है कि प्रणब के पिता और उनकी बड़ी बहन अन्नपूर्णा देवी ने उनका ये नाम रखा था। कहा जाता है कि बंगाल में हमेशा से लोगों को उनके उपनाम से ही बुलाया जाता है। यही कारण है कि प्रणब दा को भी पोल्टू कहकर बुलाया जाने लगा। नंगे पैर स्कूल जाने वाला ये पोल्टू कभी देश का राष्ट्रपति बनेगा, इस बारे में शायद ही किसी ने कभी सोचा हो।
बचपन से ही जिद्दी हैं प्रणब दा
प्रणब मुखर्जी बचपन से ही बेहद जिद्दी रहे हैं। प्रणब दा का जन्म वीरभूम के मिराती गांव में हुआ था और उनकी पढ़ाई भी इसी स्कूल से शुरू हुई थी। बचपन में प्रणब दा जब दूसरी क्लास में पढ़ते थे, तो उन्होंने किरनाहर के स्कूल में पढ़ने की इच्छा जताई, लेकिन ये स्कूल 5वीं क्लास से ही था और प्रणब दूसरी क्लास में पढ़ते थे। ऐसे में किरनाहर के स्कूल में पढ़ने के लिए प्रणब को टेस्ट देना पड़ा और उन्होंने इस टेस्ट को पास किया और 5वीं क्लास में एडमिशन ले लिया।
हमेशा से था राष्ट्रपति बनने का सपना
बताया जाता है कि जब प्रणब मुखर्जी पहली बार 1969 में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा मेंबर बने तो उनका घर राष्ट्रपति भवन के पास ही था। वो हमेशा से राष्ट्रपति भवन को निहारा करते थे और उसके ठाठ-बाठ देखते रहते थे। कहा जाता है कि एक बार प्रणब ने जब राष्ट्रपति की घोड़े वाली बग्गी को देखा तो उन्होंने अपनी बहन अन्नपूर्णा से कहा कि 'इस आलीशान राष्ट्रपति भवन का आनंद उठाने के लिए वो अगले जन्म में घोड़ा बनना पसंद करेंगे।' इसपर उनकी बहन ने जवाब दिया कि 'तुम्हें इसके लिए अगले जन्म तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि इसी जन्म में तुम्हें इसमें रहने का मौका मिलेगा।
कांग्रेस के संटमोचक रहे हैं प्रणब
प्रणब मुखर्जी सबसे पहली बार 1969 में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा मेंबर बने। इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में हुए उपचुनावों में इंडिपिंडेंट कैंडिडेट वीके मेनन के लिए इलेक्शन कैंपेन किया। इसी दौरान तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नजर उनपर पड़ी और उन्हें कांग्रेस में शामिल किया गया। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने कई बड़े पद संभाले। इसके बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें 1969 में कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा भेजा और 1973 में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। इसके बाद से ही प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस के लिए 'संकटमोचक' के तौर पर काम किया।
कांग्रेस ने किया नजरअंदाज
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस में नजरअंदाज कर दिया गया। बताया जाता है कि इंदिरा की हत्या के बाद प्रणब मुखर्जी राजीव की जगह खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने और पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया और राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके बाद नाराज होकर प्रणब ने राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी बनाई। हालांकि, राजीव गांधी की मौत के बाद पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में प्रणब मुखर्जी की किस्मत फिर चमकी और 1991 में उन्हें योजना आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 1995 में उन्हें फॉरेन मिनिस्टर बनाया गया।
जब प्रणब पर लगे आरोप
1975 से 1977 के बीच इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में इमरजेंसी की लगा दी। इसके बाद पूरे देश में कांग्रेस का विरोध शुरू हो गया। इसी दौरान कांग्रेस के बाकी नेताओं की तरह ही प्रणब मुखर्जी पर भी दमन करने के आरोप लगे। देश में प्रणब मुखर्जी का भी विरोध शुरू हो गया, हालांकि इन विरोधों से न ही कांग्रेस को कोई फर्क पड़ा और न ही प्रणब मुखर्जी को। इसके बाद प्रणब मुखर्जी को पहली बार फॉरेन मिनिस्टर बनाया गया। प्रणब पहली बार 1982 से लेकर 1984 तक विदेश मंत्री रहे। इसके साथ ही वो 1980 से लेकर 1985 तक राज्यसभा में सदन के नेता भी रहे।
13 नंबर से रहा है खास नाता
प्रणब मुखर्जी का हमेशा से 13 नंबर से एक खास नाता रहा है। प्रतिभा पाटिल के बाद प्रणब मुखर्जी ने भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके अलावा दिल्ली में उनके बंगले का नंबर भी 13 ही है। इसके साथ-साथ उनकी शादी की सालगिरह भी 13 को ही आती है। प्रणब दा ने 13 जुलाई 1957 को सुवरा से शादी की थी। इतना ही नहीं, ममता बैनर्जी ने भी 13 जून को ही प्रणब दा का नाम राष्ट्रपति पद के लिए उछाला था।
75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 किलोमीटर की बाइक रैली: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने बाइक रैली निकालकर मनाया हर घर तिरंगा अभियान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आजादी के अमृत वर्ष पर देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीयता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान आयोजित किया जा रहा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा हर घर तिरंगा यात्रा के जागरूकता संदेश के लिए बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस यात्रा को श्री वी.डी. शर्मा जी, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी और श्रीमती मालती राय, महापौर भोपाल नगर निगम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, शिक्षाविद डाॅ. अमिताभ सक्सेना एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। यह यात्रा सारनाथ कांपलेक्स, एमपी नगर से प्रारंभ होकर नेहरू नगर, भदभदा चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा, वीआईपी रोड, लालघाटी चौराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, जहांगीराबाद, चेतक ब्रिज, होशंगाबाद रोड से होते हुए रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में विश्व विद्यालय के विद्यार्थी फैकल्टी स्टॉप, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर श्री वी डी शर्मा जी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाना और तिरंगे से जुड़ाव को गहरा करना है। इस यात्रा से हम अपनी युवा पीढ़ी में तिरंगे के प्रति सम्मान और अधिक बढ़ा पाएंगे। यह यात्रा हमें आजादी प्रदान करने वाले वीरों के त्याग को भी बता रही है। हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत हमें अपने घरों पर गर्व से तिरंगा फहराना चाहिए। वहीं महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को और भी प्रबल करता है। हमें दूसरे लोगों को भी तिरंगे के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हमारा देश और हमारा समाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सदैव ऋणी रहेगा। उनके कारण ही आज हम आजाद देश के नागरिक हैं।
समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रांगण में डॉ अदिति चतुर्वेदी, निदेशक आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज ने सफल यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि हमें सक्रियता और कर्मठता के साथ सभी को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ते हुए तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बताना है। वहीं डॉ विजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है और देश की आजादी के अमृत अवसर पर हर किसी को शामिल किए जाने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज सभी देशवासियों को देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने बाइक रैली के सभी प्रतिभागियों एवं पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया साथ ही विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी समाज को और सशक्त बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के इस पोर्टल से जुड़ने पर उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा जनता को मिलेगा। और तो और यह सब ग्राहक के बजट में।
क्या है लॉ समाधान और इसकी सेवाएं कैसे ली जा सकती हैं
- यह सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवाओं के समाधान के लिए सलाह प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाला भारत का एकमात्र वेब पोर्टल है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सटीक, किफायती, पारदर्शी सलाह
- मुफ्त संपर्क विवरण – आपके क्षेत्र के अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का संपर्क विवरण मुफ्त उपलब्ध होगा
- लॉ समाधान का सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता और सीए का विशाल नेटवर्क बन रहा है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लॉ समाधान से जुड़ने से इसकी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है
- जिसे भी लीगल या लेखा सेवा संबंधित सलाह चाहिए वह कंप्यूटर या मोबाइल पर वेब पोर्टल lawsamadhan.com खोले और जो सेवा लेना चाहते हैं उसे चुने।
- आप इस पोर्टल पर एक क्लिक कर लंबे अनुभव वाली टीम से सर्वोत्तम कानूनी और वित्तीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं
- आपके तय बजट और केस के हिसाब से लॉ समाधान आपको बेस्ट अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सुझाव प्रदान करता है
- मध्यस्थता सेवाएं (एडीआर) भी प्रदान की जाती हैं
- नए कारोबार को कानूनी सलाह सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं
बॉक्स
एक क्लिक पर सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवा पर सलाह
उपभोक्ता शिकायत, कंपनी पंजीकरण, लेखा सेवाएं, लाइसेंस और ट्रेडमार्क, जीएसटी, कानूनी दस्तावेज, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवाएं, संपत्ति संबंधी मामले, साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक, आप्रवास पर सलाह आदि
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: इटली की बेटी, कैसे बनी सबसे ताकतवर राजनीतिक घराने की बहू?
दैनिक भास्कर हिंदी: शेखर कपूर 22 साल में ही बन गए थे चार्टर्ड अकाउंटेंट, जानिए लाइफ से जुड़े सीक्रेट्स
दैनिक भास्कर हिंदी: हिंदी फिल्मों के पितामह वी शांताराम को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि
दैनिक भास्कर हिंदी: गूगल का डूडल, मजदूरों के लिए लड़ने वाली अनसुइया साराभाई को समर्पित