खुद प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के राम मंदिर का मसला सुलझाएं -महंत रामदास 

Prime Minister Modi solve the issue of Ayodhya Ram temple-Mahant Ramdas
खुद प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के राम मंदिर का मसला सुलझाएं -महंत रामदास 
खुद प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के राम मंदिर का मसला सुलझाएं -महंत रामदास 

डिजिटल डेस्क, पुणे । निर्मोही आखाड़ा, अयोध्या के महंत रामदास ने शनिवार को पुणे में कहा कि अयोध्या का विकास राममंदिर बनने के बाद ही होगा। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  राममंदिर बनवाने के लिए सभी को एकजुट करें और 68 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाएं।  उन्होंनेे अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद जल्द से जल्द सुलझाने हेतु सुप्रीम कोर्ट से इस मसले पर आपसी चर्चा कर सर्वसहमति से समझौता करने की सलाह दी । इसकी पृष्ठभूमि पर एमआईटी विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि पिछले काफी सालों से रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के चलते यहां अंतरराष्ट्रीय विकास नहीं हो पाया है। अयोध्या में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यदि अयोध्या का विकास करना है तो राममंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए।

मंदिर बनने के बाद ही होगा अयोध्या का विकास
राममंदिर बनने से अंतरराष्ट्रीय स्तर की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसलिए प्रधानमंत्री इस मसले पर विशेष ध्यान दें और सभी को एकत्रित कर मसले को सुलझाएं। महंत रामदास ने कहा कि अयोध्या से पूरे विश्व को यह संदेश जाएगा कि राम मंदिर बनने के बाद भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगी। भगवान का विशालकाय मंदिर बनाने के लिए 68 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएं, जिसमें मंदिर के साथ साथ गोशाला, स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटल, संत निवास जन हित के लिए उपयोगी मूलभूत सुविधा बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराए। विश्व में अद्भुत राममंदिर का निर्माण करना अकेले की बस की बात नहीं है, इसके लिए हिंदू -मुस्लिमों को एकसाथ आकर इस पर चर्चा करनी होगी। 

चर्चा कर समझौता करने की सलाह
एमआईटी के संस्थापक डॉ. विश्वनाथ कराड़ ने कहा कि यह मुद्दा किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है, यह मुद्दा देश के हित के लिए है। सभी धर्म के लोग इस मसले में शामिल होकर चर्चा करके समझौता करके इस विषय पर जल्द से जल्द सुलह करके राम मंदिर के निर्माण कार्य में योगदान देना चाहिए।  इस समय अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि विषय के पक्षकार एवं अखिल भारतीय श्रीपंच रामनंदीय निर्वाणी तथा आखाड़ा हनुमानगढ़ी के प्रमुख महंत धर्मदास, विद्याचलदास, योगीराज स्वामी, गिरिजेश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे। 

Created On :   31 March 2018 12:27 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story