केदारनाथ में दिवाली मनाएंगे पीएम मोदी, जवानों से करेंगे मुलाकात

prime minister modi will celebrate diwali in kedarnath dham
केदारनाथ में दिवाली मनाएंगे पीएम मोदी, जवानों से करेंगे मुलाकात
केदारनाथ में दिवाली मनाएंगे पीएम मोदी, जवानों से करेंगे मुलाकात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों में ही दिवाली की धूम मचने वाली है, जिसकी शुरुआत अभी से लोगों ने कर दी है। वहीं राजनीतिक गलियारों में भी दिवाली के जश्न की तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी दिवाली हर साल की तरह कुछ अलग अंदाज में मनाने का फैसला किया है। वे इस दिवाली पर केदारनाथ धाम पर मत्था टेकेंगे और इसके बाद उत्तराखंड के माणा गांव में आईटीबीपी के जवानों से मिलकर दिवाली की शुभकामनाएं देंगे।

हर साल कुछ नए तरीके से मनाते हैं दिवाली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दिवाली हर साल कुछ अलग तरह से मनाते हैं। 2014 में पीएम बनने के बाद उन्होंने अपनी पहली दिवाली सियाचिन में सेना के जवानों के साथ मनाई थी। साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी की थी। इसी तरह 2015 में भी उन्होंने सेना के जवानों के साथ अमृतसर में डोगराई युद्ध स्मारक पर दिवाली का त्योहार मनाया था। बात 2016 की करें तो इस वर्ष मोदी ने हिमाचल प्रदेश पहुंचकर आईटीबीपी के जवानों को दिवाली की बधाईयां दी थी साथ ही उनके साथ इस पर्व को मनाया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली हरी झंडी

नरेंद्र मोदी के इस दिवाली कार्यक्रम की पुष्टि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की है। साथ ही इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी को प्रधानमंत्री कार्यालय से भी मंजूरी मिल गई है। बता दें कि पीएम के हर कार्यक्रम की देख-रेख प्रधानमंत्री कार्यालय करता है। उनकी सुरक्षा और कार्यालय से जुड़े इंतजामों पर भी प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी आवश्यक होती है।

2013 में तबाह हो गया था केदारनाथ

केदारनाथ धाम 2013 में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हो गई थी। केदारनाथ धाम, भारत के चार सबसे अहम धामों में से एक है। यह उत्तराखंड में स्थित है। 16 जून 2013 को आई इस आपदा में करीब 4400 से अधिक लोग मारे गए थे। साथ ही 4200 से ज्यादा गांवों से पूरी तरह संपर्क टूटा। 2141 भवनों का नामों-निशान मिट गया। 11759 भवनों को आशिंक क्षति पहुंची। 995 सरकारी भवन (जिनमें स्कूल भवन भी शामिल थे) का अस्तित्व मिट गया। 11091 मवेशी मारे गए। 1308.96 हेक्टेयर कृषि भूमि बह गई। साथ ही  13 नेशनल हाईवे, 35 स्टेट हाईवे, 2385 जिला व ग्रामीण सड़कें व पैदल मार्ग और 172 बड़े और छोटे पुल बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश में नष्ट हो गए थे।

Created On :   10 Oct 2017 1:33 PM GMT

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