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दैनिक भास्कर हिंदी: लॉकडाउन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फायदा, आय कम होने से घर खरीदने का सपना धूमिल

हाईलाइट
- लॉकडाउन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को फायदा, आय कम होने से घर खरीदने का सपना धूमिल
नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। लॉकडाउन के कारण आय पर पड़े नकारात्मक प्रभाव से लोग सुरक्षा के लिए जहां सार्वजनिक बैंकों का रुख कर रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में भारतीयों की अब घर खरीदने की उनकी इच्छा एक सपना बनकर रह जाएगी। नवीनतम आईएएनएस सीवोटर इकोनॉमिक बैटरी वेव सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
जैसा कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन ने कई क्षेत्रों में व्यवसायों को गंभीर रूप से प्रभावित किया, आम भारतीयों की आय पर दो महीनों से अधिक समय तक प्रभाव डाला, लोग अपनी वित्तीय संभावनाओं के बारे में अनिश्चित हैं।
सैंपल तिथि जून के पहले सप्ताह का है और सैंपल साइज 1,397 है और देश भर में 500 से अधिक लोकसभा सीटों को कवर करता है। हर हफ्ते 1,000 से अधिक नए उत्तरदाताओं को ट्रैकर मॉडल में जोड़ा जाता है।
आधे से अधिक उत्तरदाताओं ने इसका संकेत दिया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से घरेलू आय पर बड़े पैमाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सर्वे के अनुसार, 53.2 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसलिए या तो लोगों का काम करना बंद हो गया, वेतन कटौती की गई, बिना वेतन के छुट्टी के लिए मजबूर किया गया या केवल पार्ट टाइम काम कराया गया। लॉकडाउन से पहले के मुकाबले 56.4 प्रतिशत महिलाएं कम कमा रही हैं।
आय और नौकरियों के बिना गुजर-बसर के मामले में गंभीर है। भारत की लगभग आधी आबादी किसी भी नौकरी या आय के बिना एक महीने से अधिक समय तक बिना किसी नौकरी, बचत या परिवार के सहयोग के गुजर-बसर करने में सक्षम नहीं होगी।
एक लंबे लॉकडाउन और निराशाजनक अर्थव्यवस्था के साथ, नौकरी खोना बढ़ रहा है और परिवारों के लिए चिंताएं बढ़ रही हैं कि वे कितने समय तक स्थिति संभाल सकते हैं।
आईएएनएस सीवोटर इकोनॉमिक बैटरी वेव के अनुसार, 28.2 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे एक महीने से भी कम समय तक आय के बिना गुजर-बसर कर पाएंगे, जबकि 20.7 प्रतिशत ने कहा कि वे एक महीने तक गुजारा कर सकते हैं। वहीं, 10.7 प्रतिशत ने कहा कि वे एक वर्ष से अधिक समय तक आय के बिना गुजारा कर सकते हैं।
इसके अलावा, बड़ी संख्या में भारतीयों को लगता है कि उनका खुद का घर खरीदने की उनकी उम्मीदें सपना ही बनकर रह जाएंगी।
सर्वे से पता चला है कि मध्यम-आय वर्ग में लगभग 24.6 लोग और निम्न-आय वर्ग में 18.3 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनका खुद का घर अब उनकी पहुंच से बाहर है।
दिलचस्प बात यह है कि 31 मार्च, 2021 तक एक और वर्ष के लिए किफायती आवास इकाइयों को खरीदने के लिए मध्यम-आय वाले समूहों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) को बढ़ाने की सरकार की नवीनतम घोषणा के बावजूद निराशा बनी हुई है।
घर खरीदने में अक्षमता की यह भावना कम और मध्यम-आय वाले समूहों तक सीमित नहीं है, क्योंकि सर्वे से पता चला है कि उच्च-आय वर्ग के लगभग 7 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि घर खरीदने की उनकी योजनाएं पटरी से उतर गई हैं।
वहीं, सर्वे से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन ने बैंकिंग प्रणाली के लिए लोगों की वरीयता का सही परीक्षण किया है जो अच्छी सेवा और बेहतर रिटर्न के साथ उनकी बचत के लिए सुरक्षा प्रदान करता है।
इस संबंध में, सर्वे से खुलासाा हुआ है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उन खाताधारकों में से अधिकांश से तरजीह मिला है, जिन्हें लगता है कि निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में उनकी गाढ़ी कमाई वहां सुरक्षित है।
यहां तक कि सहकारी बैंकों ने निजी ऋणदाताओं की तुलना में भरोसे के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया।
60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 12.7 प्रतिशत लोग, जो वर्तमान में निजी बैंकों में खाते रखते हैं, अपने खातों को स्थानांतरित करना चाहते हैं, जिनमें से 12 प्रतिशत सहकारी बैंकों में स्थानांतरित करना चाहते हैं और शेष 0.7 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं।
हालांकि, अधिकांश उत्तरदाताओं ने घरेलू सेवाओं में कटौती करने की योजना नहीं बनाई है।
सर्वे के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों में 60.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इन सेवाओं का लाभ उठाते रहेंगे।
वे इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि उन्होंने सेवाओं का लाभ उठाने की योजना बनाई है या नहीं।
इन सेवाओं में नौकर, ड्राइवर और कुक शामिल हैं।
कुल 39.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इन सेवाओं में कटौती करने की योजना बनाई है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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