राफेल शानदार एयरक्राफ्ट, जो भारत को और ताकत देगा- वायुसेना

Rafale to give India unprecedented combat capabilities says IAF chief
राफेल शानदार एयरक्राफ्ट, जो भारत को और ताकत देगा- वायुसेना
राफेल शानदार एयरक्राफ्ट, जो भारत को और ताकत देगा- वायुसेना
हाईलाइट
  • 58 हजार करोड़ रुपये की राफेल जेट डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है।
  • उन्होंने कहा कि राफेल डील की आलोचना करने वालों को तय मापदंडों और खरीद प्रक्रियाओं को समझना चाहिए।
  • उप वायुसेना प्रमुख शिरीष बबन देव ने कहा है कि राफेल एक शानदार एयरक्राफ्ट है
  • जो भारत को मुकाबला करने की अभूतपूर्व क्षमता प्रदान करेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 58 हजार करोड़ रुपये की राफेल जेट डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी राफेल डील पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है। इस बीच उप वायुसेना प्रमुख शिरीष बबन देव ने कहा है कि राफेल एक शानदार एयरक्राफ्ट है, जो भारत को मुकाबला करने की अभूतपूर्व क्षमता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि राफेल डील की आलोचना करने वालों को तय मापदंडों और खरीद प्रक्रियाओं को समझना चाहिए। उन्होनें ये भी कहा कि यह एक बहुत ही सक्षम विमान है और हम इसे उड़ाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मंगलवार को एक कार्यक्रम में इस डील को लेकर हुए विवाद के बारे में सवाल पूछे जाने पर शिरीष बबन देव ने यह बात कही।

भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ डील की थी। जिसके तहत जेट विमानों की डिलीवरी सितंबर 2019 से शुरू होने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सौदा 7.8 करोड़ यूरो (करीब 58 हजार करोड़ रुपए) का है। विपक्षी पार्टी इस डील को लेकर कई सवाल खड़े कर चुकी है, वहीं सरकार ने विपक्ष के सभी आरोपों को निराधार बताया है।

मोदी सरकार और विपक्ष के बीच में तकरार की वजह बना राफेल का मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि इस पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अधिवक्ता एम एल शर्मा की इस बारे में दलीलों पर गौर किया कि उनकी अर्जी तत्काल सुनवायी के लिए सूचीबद्ध की जाए।

शर्मा ने अपनी अर्जी में फ्रांस के साथ लड़ाकू विमान सौदे में विसंगतियों का आरोप लगाया है और उस पर रोक की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि दो देशों के बीच हुई इस डील से भ्रष्टाचार हुआ है और ये रकम इन्हीं लोगों से वसूली जाए क्योंकि ये अनुच्छेद 253 के तहत संसद के माध्यम से नहीं की गई है।   

Created On :   5 Sept 2018 5:05 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story