कोर्ट में जज नहीं, केस पेंडिंग और कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं : राहुल

Rahul Gandhi slams Ravi Shankar Prasad for pending cases in Supreme Court
कोर्ट में जज नहीं, केस पेंडिंग और कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं : राहुल
कोर्ट में जज नहीं, केस पेंडिंग और कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं : राहुल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फेसबुक यूजर्स का डाटा लीक करने का आरोप झेल रही ब्रिटिश फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका से कांग्रेस का कनेक्शन जोड़ने पर शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर पलटवार किया। राहुल ने ट्वीट कर देश की कोर्ट्स में पैंडिंग केसेस का मुद्दा भी उठाया। राहुल ने ट्वीट किया कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और लोअर कोर्ट में लाखों केस पैंडिंग हैं, लेकिन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद झूठी खबरें फैलाने में बिजी हैं। बता दें कि इससे पहले राहुल ने इसी मामले में ट्वीट कर कहा था कि 39 भारतीयों की मौत से ध्यान हटाने के लिए डाटा लीक की कहानी गढ़ी गई।

 

 



राहुल ने क्या किया ट्वीट? 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि देश की कानून व्यवस्था पैंडिंग केसेस के कारण गिरती जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "सुप्रीम कोर्ट में 55 हजार से ज्यादा, हाईकोर्ट में 37 लाख से ज्यादा और लोअर कोर्ट्स में 2.6 करोड़ से ज्यादा केस पैंडिंग हैं। साथ ही हाईकोर्ट में 400 और लोअर कोर्ट में 6000 जजों को अभी तक अपॉइंट नहीं किया गया है, जबकि कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं।"

 

 



इससे पहले राहुल ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से 21 मार्च को एक ट्वीट किया, जिसमें बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया गया था। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा था कि "सरकार मोसुल में 39 भारतीयों की मौत पर झूठ बोलते हुए पकड़ा गई थी और इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कांग्रेस और डाटा चोरी की कहानी गढ़ी। इसका नतीजा ये रहा कि सभी मीडिया नेटवर्क से 39 भारतीयों की मौत का मुद्दा गायब हो गया और सरकार की समस्या का समाधान हो गया।"

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बीजेपी ने क्या लगाए थे आरोप? 

दरअसल, बुधवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैम्ब्रिज एनालिटिका और कांग्रेस के बीच कनेक्शन होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए इस डाटा फर्म की मदद ले रही है। उन्होंने कहा था कि "कैम्ब्रिज एनालिटिका चुनावों को फेक न्यूज से प्रभावित करती है और फेसबुक यूजर्स के डाटा का गलत इस्तेमाल करती है। कांग्रेस पार्टी इस कंपनी की मदद ले रही है, जो गलत है।" रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा था कि इन दिनों सोशल मीडिया पर कांग्रेस के प्रति बदलते रूख और राहुल गांधी के बढ़ते फॉलोअर्स के पीछे भी इसी कंपनी का हाथ है।

कांग्रेस ने दिया था ये जवाब?

वहीं बीजेपी के इन आरोपों पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जवाब दिया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा था कि ब्रिटिश एजेंसी कैम्ब्रिज एनालिटिका की क्लाइंट कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी है। उन्होंने कंपनी की वेबसाइट से मिली जानकारी का हवाला देते हुए दावा किया था कि "2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इस कंपनी की मदद ली थी। उस समय बीजेपी का जेडीयू के साथ गठबंधन था।" इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि "कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद नहीं ली और ये रविशंकर प्रसाद की तरफ से बोला गया सफेद झूठ है।"

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ब्रिटेन की एक पॉलिटिक कंसल्टेंसी फर्म "कैम्ब्रिज एनालिटिका" पर करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा उनकी इजाजत के बिना यूज करने का आरोप लगा है। एक चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात निकलकर आई कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोंड़ों फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया गया है कि कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डाटा का इस्तेमाल किया और ट्रंप को फायदा पहुंचाया। इसके लिए कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे लोगों के पॉलिटिकल इंटरेस्ट का अंदाजा लगाया जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद के बाद फेसबुक को करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान होने की बात कही जा रही है। 

Created On :   24 March 2018 12:52 PM IST

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