कांग्रेस ने देश का बैंकिंग सिस्टम खराब किया, NPA के लिए UPA जिम्मेदार : स्मृति ईरानी
- NPA और नेशनल हेराल्ड केस दोनों मामलों को लेकर स्मृति इरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
- इरानी कांग्रेस सरकार पर भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर हमला करने का आरोप लगाया।
- स्मृति इरानी ने कहा कि इससे कांग्रेस के भ्रष्टाचार का साफ पता चलता है।
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) के लिए UPA सरकार को जिम्मेदार बताया था। वहीं नेशनल हेराल्ड मामले में हाईकोर्ट ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था। इन दोनों मामलों को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इससे कांग्रेस के भ्रष्टाचार का साफ पता चलता है।
स्मृति ईरानी ने कहा, रघुराम राजन ने संसदीय समिति को जो जवाब दिया है उसमें कहा है कि सबसे ज्यादा बैड लोन 2006-2008 के बीच दिया गया। ईरानी ने कहा, उस वक्त देश में कांग्रेस की सरकार थी, इससे साबित होता है कि बैंकों के NPA के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर हमला करने का आरोप लगाया।
वहीं नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल पूछे। उन्होंने कहा, राहुल गांधी 2010 में एक कंपनी बनाते हैं और 2011 में एसोसिएटेड जनरल को खरीदा जाता है। एसोसिएटेड जनरल वहीं कंपनी है जिनके पास कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को प्रकाशित करने का अधिकार था। इसके बाद राहुल का एक पत्रकार को दिया गया बयान कि उनकी कंपनी का अखबार प्रकाशित करने की कोई योजना नहीं है, चौंकाने वाला था।" ईरानी ने पूछा तो राहुल इस कंपनी का क्या करते, इसका जवाब दें।
क्या कहा था हाईकोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने सोमवार को राहुल-सोनिया की 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि टैक्स संबंधी कार्यवाही का अधिकार आयकर विभाग के पास है और आयकर विभाग इसे फिर से शुरू कर सकता है। जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस एके चावला की बेंच ने ये फैसला सुनाया था।
क्या कहा था रघुराम राजन ने?
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बढ़ते NPA को लेकर संसदीय समिति को जो जवाब दिया था उसमें उन्होंने कहा था कि घोटालों और उनकी जांच की वजह से सरकार ने धीमी गति से अपने निर्णय लिए जिसकी वजह से बैंकों का NPA बढ़ता गया। इतना ही नहीं बैंकों ने "जॉम्बी" लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स में बदलने से बचाने के लिए और अधिक लोन दिए गए। उन ग्रुप्स को भी लोन दिया गया जिनका बैंकों के साथ रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा था।
Created On :   11 Sept 2018 5:40 PM IST