INDIA/BHARAT: संविधान से इंडिया शब्द हटाने की मांग, SC ने अगली तारीख दिए बिना स्थगित की याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया या भारत? देश के नाम को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज मंगलवार (2 जून) को सुनवाई होनी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से याचिका को स्थगित कर दिया गया। इतना ही नहीं अगली सुनवाई के लिए तारीख भी नहीं दी गई है। कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि, संविधान से इंडिया शब्द को हटा दिया जाए, सिर्फ भारत और हिंदुस्तान का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि इंडिया शब्द गुलामी की निशानी है।
Supreme Court adjourns petition which sought to change the name of the country from "India" to "Bharat", without giving any next date.
— ANI (@ANI) June 2, 2020
Chief Justice of India SA Bobde, who was slated to hear the matter, was on leave today, hence the matter was adjourned. pic.twitter.com/DdjJgLUNcs
दरअसल देश के संविधान के पहले अनुच्छेद में ही इंडिया यानी भारत लिखा हुआ है। अब सवाल उठ रहे हैं कि जब देश एक है तो नाम एक क्यों नहीं। देश के नाम को लेकर याचिकाकर्ता का कहना है, संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर इंडिया शब्द हटाया जाए। अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि, भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा। इसलिए संशोधन करके इंडिया शब्द हटाकर भारत या हिन्दुस्तान कर दिया जाए। देश को मूल और प्रमाणिक नाम "भारत" से ही मान्यता दी जानी चाहिए।
29 मई को भी टाल दी गई थी सुनवाई
याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि, भारत संघ इंडिया नाम को हटाने में असफल रहा है, ये नाम गुलामी का प्रतीक है। इंडिया नाम नहीं हटने से जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है। याचिका के मुताबिक, इंडिया की जगह भारत नामकरण से देश में एक राष्ट्रीय भावना पैदा होगी। हालांकि इस मामले पर 29 मई को भी सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के अनुपस्थित होने के कारण सुनवाई टाल दी थी।
Created On :   2 Jun 2020 8:42 AM IST