कांग्रेस के असंतुष्ट कार्यसमिति की बैठक में पत्र के कटेंट पर चर्चा न होने से नाराज

Unhappy over the letters content not being discussed in the meeting of dissatisfied working committee of Congress
कांग्रेस के असंतुष्ट कार्यसमिति की बैठक में पत्र के कटेंट पर चर्चा न होने से नाराज
कांग्रेस के असंतुष्ट कार्यसमिति की बैठक में पत्र के कटेंट पर चर्चा न होने से नाराज

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के अगले दिन मंगलवार को पार्टी के असंतुष्टों का कहना है कि उनके लिखे पत्र के कंटेंट पर बैठक में कोई चर्चा ही नहीं हुई। सोमवार को चिट्ठी की टाइमिग को लेकर सवाल उठाए गए और सभी ने इसे गांधी परिवार की वफादारी से जोर दिया।

सात घंटों तक चली कांग्रेस कार्य समिति की सोमवार को हुई बैठक में पत्र में की गई मांग पर कोई खास विमर्श नहीं हुआ और गांधी परिवार के वफादारों ने असंतुष्टों को घेरने की कोशिश की।

असंतुष्टों को लगा कि उनके पत्र पर इस बैठक में विचार होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, इस बात से पार्टी के असंतुष्ट नाराज हैं। कार्य समिति की बैठक में कु छ नेताओं ने सवाल उठाया कि चिट्ठी लिखने की क्या जरूरत थी, इस बात को पार्टी के फोरम में भी उठाया जा सकता था। जवाब में चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं ने कहा कि कोई मीटिंग जब हुई ही नहीं तो मुद्दा कहां उठाते।

कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार को ही गुलाम नबी आजाद के निवास पर पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें भविष्य की रणनीति के बारे में विचार किया गया। सूत्रों की मानें तो पार्टी में असंतोष अभी खत्म नहीं हुआ है और वे सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, कपिल सिबल ने सोमवार को करीब एक घंटे तक गुलाम नबी आजाद के निवास पर चर्चा की थी, लेकिन ये नहीं पता चल पाया है कि उन्होंने क्या बातचीत की। इन सभी को गांधी परिवार के वफादारों ने कार्य समिति की बैठक के दौरान घेरा और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

इधर असंतुष्टों का कहना है कि पत्र सोनिया गांधी के खिलाफ नहीं था, बल्कि पार्टी में सुधार की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष को लिखा गया था। उनका ये भी कहना है कि लेटर लीक नहीं होना चाहिए था।

मंगलवार सुबह पार्टी के एक असंतुष्ट नेता संजय झा ने ट्वीट किया, ये एक अंत की शुरुआत है।

इस बीच, कांग्रेस जल्द ही एक पैनल का गठन करेगी जो सोनिया गांधी को पार्टी में बदलाव के लिए सहयोग करेगा।

सोमवार को कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद पर बरकरार रहने का फैसला लिया गया। साथ ये भी फैसला लिया गया कि कांग्रेस पार्टी अगले छह महीनों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उचित कदम उठाएगी।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   25 Aug 2020 9:00 AM GMT

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