अनुच्छेद 370 कमरे में बंद हाथी था, रुका हुआ था विकास : सरकार

- सरकार ने कश्मीर के राजनीतिक दलों की निंदा की
- जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं
- जो लगातार संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध कर रहे थे
- सरकार ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना जरूरी था
- क्योंकि इससे जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था
सरकार ने कश्मीर के राजनीतिक दलों की निंदा की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं, जो लगातार संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध कर रहे थे।
सरकार ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण और 35ए के प्रावधान को हटाने की व्याख्या करते हुए एक विस्तृत पुस्तिका में कहा कि सूचना का अधिकार और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) जैसे भ्रष्टाचार-रोधी प्रावधान इस अनुच्छेद के कारण जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे।
सरकार ने कहा कि यह अनुच्छेद एक ऐसी गंभीर समस्या थी, जिस पर कोई चर्चा करना नहीं चाहता था।
सरकार ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद राज्य में समृद्धि आएगी, सामाजिक एकीकरण से आतंकवाद का खतरा कम होगा, कश्मीर शीर्ष पर्यटन गंतव्यों में एक होगा तथा यह क्षेत्रीय विवादों पर पाकिस्तान से निपटने की अच्छी कूटनीति भी साबित होगी।
--आईएएनएस
Created On :   5 Aug 2019 9:00 PM IST