भाजपा को हरियाणा में बड़ी जीत के साथ वापसी का भरोसा

- अगला चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है
- हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अगला विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है
मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का आधार काफी घट चुका है और वह एक अल्पसंख्यक वाली स्थिति में आ चुकी है, क्योंकि उसके अधिकांश विधायक और नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं 2014 तक लगातार दो बार राज्य पर शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी कलह खत्म नहीं हो रहा है।
किसी राजनीतिक दिशा और एजेंडे के अभाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भी मोहभंग हो चुका है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आईएएनएस को बताया, हम निश्चित रूप से अगली सरकार बनाने जा रहे हैं और वह भी शानदार जीत के साथ। हमारा लक्ष्य 90 सदस्यीय विधानसभा में 75 से अधिक सीटें जीतने का है।
पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद उनके स्लोगन मिशन-75 को जोर मिला है। यहां भाजपा ने राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की।
मुख्य विपक्षी दल इनेलो पारिवारिक कलह के कारण दो हिस्सों में बंट गई, जिससे उसकी स्थिति कमजोर है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने भाजपा के सारे दावों को हालांकि खोखला बताया है और राज्य की खट्टर सरकार को घोटालों की सरकार करार दिया है।
उन्होंने कहा, सरकार कामकाज में अधिक पारदर्शिता की बात कर रही है, लेकिन सच तो यह है कि इनके मंत्री फर्जीवाड़ा करने में माहिर हैं।
हुड्डा के अनुसार, रोहतक में कांग्रेस की 18 अगस्त की रैली के बाद भाजपा अपने मिशन-75 को भूल जाएगी।
मानेसर की जमीन हड़पने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रहे हुड्डा ने कहा, मेरी रैली के बाद राजनीतिक स्थिति बदल जाएगी।
राई के विधायक जयतीर्थ दहिया एक अगस्त को विधानसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। कांग्रेस के पास अब 14 विधायक बचे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने तीन दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन दो अगस्त को मुख्य विपक्षी दल के लिए चिन्हित बेंचों पर अपना कब्जा जमा लिया। पूर्व मंत्री किरण चौधरी विपक्ष के नेता के लिए चिन्हित सीट पर जाकर बैठ गईं। यह सब विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर की सहमति के बिना किया गया।
किरण चौधरी विपक्ष के नेता इनेलो के अभय चौटाला की सीट पर बैठीं।
गुर्जर ने कहा कि किसी पार्टी के सभी विधायकों ने यह घोषणा करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि किसी विशेष सदस्य को विधानसभा में उनका नेता घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कांग्रेस से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
वहीं कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होगा और यह आखिरी सत्र था, विपक्ष के नेता की घोषणा अब अप्रासंगिक है।
एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने आईएएनएस से कहा, इनेलो और कांग्रेस में चल रहा आपसी मतभेद भाजपा को कृषि संकट और नौकरियों की कमी से पैदा हुए आक्रोश की बाधा को दूर करने में मदद करेगा।
विधानसभा चुनाव में कुल 19 सीटें जीतने वाली पार्टी इनेलो के छह विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जबकि दो विधायकों की मौत हो चुकी है। ऐसे में पार्टी की स्थिति किसी डूबते जहाज जैसी हो गई है।
--आईएएनएस
Created On :   4 Aug 2019 8:00 PM IST