एक-दो हफ्ते नहीं, बल्कि 6 महीने पहले से शुरू हो जाती है बजट की तैयारी

एक-दो हफ्ते नहीं, बल्कि 6 महीने पहले से शुरू हो जाती है बजट की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश का जनरल बजट पेश होने में अब एक हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है और 1 फरवरी को फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली संसद में बजट पेश करेंगे। बजट पेश होने के कई हफ्तों पहले से ही बजट में क्या होना चाहिए और क्या नहीं, इस पर बातें होनी शुरू हो जाती है। मीडिया में भी कयास लगने शुरू हो जाते हैं कि बजट में इस बार फाइनेंस मिनिस्टर क्या राहत दे सकते हैं, क्या नया हो सकता? लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो आपको जानना बहुत जरूरी होता है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बजट कैसे तैयार होता है?


1. अगस्त से ही शुरू हो जाती है तैयारियां

यूं तो बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है, लेकिन इसकी तैयारियां फाइनेंस मिनिस्ट्री अगस्त-सितंबर से ही शुरू कर देती है। सभी डिपार्टमेंट्स और मिनिस्ट्रीज को एक सर्कुलर भेजा जाता है। इस सर्कुलर में उन डिपार्टमेंट्स से खर्चे, प्रोजेक्ट्स का ब्यौरा और फंड की जरूरत की जानकारी मांगी जाती है। इसके बाद बजट की आगे की राह तय होती है।

जब पाकिस्तान के पीएम ने पेश किया था भारत का बजट, हुई थी आलोचना

2. फिर ली जाती है सबसे एडवाइज

सारे डिपार्टमेंट्स से जानकारी मिलने के बाद फाइनेंस मिनिस्ट्री एडवाइज लेना शुरू करती है। इसके लिए नवंबर महीने में इंडस्ट्रियलिस्ट, इकोनॉमिस्ट, ट्रेड यूनियन्स, एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े लोग और सभी राज्यों के फाइनेंस मिनिस्टर्स से राय ली जाती है। बजट में क्या हो और क्या न हो, इस बार में फाइनेंस मिनिस्टर सभी से डिस्कस करते हैं।

3. बजट डॉक्यूमेंट्स की छपाई होती है शुरू

इतना सब होने के बाद बजट डॉक्यूमेंट्स की छपाई का काम बड़े ही सीक्रेट तरीके से नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में होती है। यहां पर सीसीटीवी कैमरों और इंटेलिजेंस ब्यूरो की निगरानी में छपाई का काम पूरा होता है।

कौन हैं वो लोग, जो बनाएंगे मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट? 

4. अधिकारियों को किसी से बात करने नहीं दिया जाता

बजट डॉक्यूमेंट्स की छपाई पूरी होने के बाद ये बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को भेजे जाते हैं। इसके बाद इन अधिकारियों को बजट पेश होने से एक हफ्ते पहले से किसी से भी कॉन्टेक्ट करने और मिलने-जुलने नहीं दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बजट की कोई जानकारी लीक न होने पाए।

5. फिर तैयार होती है फाइनेंस मिनिस्टर की स्पीच

इतना सब होने के बाद बजट की तय तारीख से दो दिन पर प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अधिकारी फाइनेंस मिनिस्टर की बजट स्पीच तैयार करते हैं। इस टीम में सरकार के पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के 20 अधिकारी शामिल होते हैं। ये अधिकारी इंग्लिश, हिंदी और उर्दू में प्रेस रिलीज तैयार करते हैं।

भारत के बजट के बारे में ये 8 बातें नहीं जानते होंगे आप ?

6. तब जाकर पेश होता है बजट

इसके बाद जनरल बजट को संसद में पेश करने से पहले उसे कैबिनेट के सामने रखा जाता है। फाइनेंस मिनिस्टर लोकसभा में सुबह 11 बजे देश का सालाना बजट पेश करते हैं। बजट पेश होने के बाद उस पर चर्चा भी होती है। आमतौर पर ये चर्चा 2-4 दिन तक चलती है। 

Created On :   26 Jan 2018 7:49 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story